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Tuesday, October 28, 2025
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अग्निवीरों को सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण की तैयारी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में बीते चार वर्षों में प्रदेश सरकार ने सैनिकों, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के सम्मान और कल्याण के लिए कई अहम फैसले लिए हैं। अमर बलिदानियों की स्मृति में देहरादून में भव्य शौर्य स्थल (सैन्य धाम) का निर्माण कार्य अंतिम चरण है। इस सैन्य धाम में प्रदेश भर की 28 नदियों का जल और शहीद सैनिकों के घरों से लाई गई मिट्टी को समाहित किया गया है।

राज्य सरकार ने शहीदों के परिजनों को मिलने वाली अनुग्रह राशि को ₹दस लाख से बढ़ाकर ₹50 लाख कर दिया है। वीरता पुरस्कारों से अंलकृत सैनिकों को दी जाने वाली एकमुश्त तथा वार्षिक धनराशि को भी बढ़ाया गया है। परमवीर चक्र विजेताओं की अनुग्रह राशि अब पचास लाख से बढाकर डेढ़ करोड़ रुपए कर दी गई है। पूर्व सैनिक वीरांगनाओं और पुत्री को ड्रोन दीदी के रूप में ड्रोन संचालन का रोजगारपरक प्रशिक्षण देने का फैसला किया गया है। सरकार के द्वारा 60 वर्ष की आयु पूरी कर चुके पूर्व सैनिकों, सैनिक वीरांगनाओं और वीर नारियों को बद्रीनाथ धाम की निःशुल्क यात्रा की सुविधा भी प्रदान की गई है।

राज्य सरकार द्वारा शहीद सैनिकों के परिवार के एक सदस्य को सरकारी सेवा में लिए जाने की व्यवस्था की गई है। अब तक शहीदों के 37 आश्रितों को सरकारी नौकरी प्रदान की जा चुकी है। इस योजना के तहत सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने की अवधि को भी दो वर्ष से बढ़ाकर पांच वर्ष कर दिया गया है।

अग्निवीरों को पुलिस, परिवहन, वन और अन्य विभागों की भर्तियों में 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण देने की धामी सरकार तैयारी कर रही है। इस संबंध में प्रस्ताव कैबिनेट की मंजूरी के लिए लाया जाएगा। अग्निपथ योजना के तहत चार साल की सेवा पूरी करने वाले अग्निवीरों को इसका लाभ मिलेगा।

वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों और पूर्व सैनिकों को उत्तराखण्ड रोडवेज की बसों में निःशुल्क यात्रा सुविधा के साथ ही सेवारत और पूर्व सैनिकों को ₹25 लाख तक के मूल्य की स्थायी सम्पत्ति की खरीद पर स्टाम्प ड्यूटी में 25 प्रतिशत की छूट भी दी जा रही है। पुत्री विवाह अनुदान जैसी अनेक योजनाएं संचालित कर राज्य सरकार द्वारा पूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों के कल्याण के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश भर में शहीद स्मारकों का निर्माण किया जा रहा है। स्कूल और सड़कों का शहीदों के नाम पर नामकरण किया गया है। खटीमा में सैनिक मिलन केंद्र एवं सीएसडी कैंटीन का निर्माण और टनकपुर में आधुनिक सुविधाओं से युक्त भव्य सैनिक विश्राम गृह का निर्माण किया जा रहा है।

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