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Homeहमारा उत्तराखण्डआत्मघाती मनोदशा से बाहर निकाल कर 100 जीवन बचाने का बनाया शतक

आत्मघाती मनोदशा से बाहर निकाल कर 100 जीवन बचाने का बनाया शतक

16 जून 2025, देहरादून।
मनोवैज्ञानिक समाजसेवी डॉ. पवन शर्मा (द साइकेडेलिक) ने आत्मघाती प्रवृत्ति और मनोदशा से ग्रसित व्यक्तियों को व्यक्तिगत तौर पर परामर्श और थेरेपी के माध्यम से 100 व्यक्तियों को बाहर निकाल कर स्वस्थ और सुगम तौर पर जीवन जीने में मदद करके अनूठी उपलब्धी प्राप्त की है।

डॉ पवन शर्मा ने बताया कि समाजसेवा के सफर में इस पड़ाव को पाकर वो अपने किए गये प्रयासों को सार्थक मानते हैं, पर अभी बहुत लंबा सफर तय करना बाकी है। आज की व्यस्ततम, अस्त-व्यस्त जीवन-शैली और युवाओं की शून्य सहनशीलता के चलते उनके जीवन के समाप्त होने की संभावना और खतरा हमेशा बना रहता है। ऐसे में उन्हें मानसिक तौर पर सुदृढ़ बनाने के लिए अभिभावकों, शिक्षकों और समाज के हर व्यक्ति द्वारा योगदान ऐसे कई बहुमूल्य जीवन बचाने के लिए मदद करेगा।

डॉ. पवन शर्मा ने बताया कि आत्मघाती कारणों में शिक्षा, रोज़गार, प्रेम सम्बंध विच्छेद (ब्रेकअप ), आर्थिक तंगी, कुंठा और अवसाद जैसी गम्भीर मानसिक विकृति का होना है, सही समय पर और सही उपचार से किसी भी व्यक्ति को आत्मघाती कामों को करने से रोक कर आत्महत्या जैसे समाज को शर्मिंदा करने वाले कारकों को रोका जा सकता है। इसके लिए इस विषय पर अधिक और सरल भाषा में जागरुकता करके हर कोई अपना योगदान दे सकता है।

डॉ पवन शर्मा ने आगे कहा कि वो अपनी सामाजिक संस्था फोरगिवनेस फाउंडेशन सोसाइटी के माध्यम से ऐसे कई निशुल्क जागरूकता कार्यक्रमों के साथ हज़ारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित करते रहते हैं। इस उपलब्धी को पाने पर डॉ. पवन शर्मा ने अपने टीम के सदस्यों, परिवार और मित्रों का आभार व्यक्त किया जिन्होंने उनको सदैव इस क्षेत्र में निरंतर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

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