Durga Ashtami 2023 : देश के साथ साथ आज उत्तराखंड में शारदीय नवरात्रि के तहत महा अष्टमी या दुर्गा अष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है। शारदीय नवरात्रि में नौ दिन पूजा होती है। हर दिन माता के नौ स्वरूपों की उपासनी की जाती है। आज 22 अक्तूबर को महा अष्टमी या दुर्गा अष्टमी का पर्व है। यह नवरात्रि का आठवां दिन है। आठवें दिन यानी अष्टमी के दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है। मां महागौरी भोलेनाथ की अर्धांगिनी और भगवान श्री गणेश की माता हैं। महागौरी की पूजा गृहस्थ जीवन को खुशहाल बनाती है।
माता महागौरी को मां पार्वती, मंगला गौरी, उमा आदि नामों से भी जाना जाता है। महागौरी की पूजा में मोरपंखी रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है। पूजा के दौरान माता का प्रिय भोग लगाया जाता है। दुर्गा अष्टमी में मां महागौरी की पूजा कर रहे हैं तो उन्हें पसंदीदा भोग लगाकर प्रसन्न करें।
आदिशक्ति के आठवें स्वरूप मां महागौरी को नारियल प्रिय है। उन्हें इन दिन नारियल या उससे बनने व्यंजनों का भोग लगाएं। नारियल से कई तरह की मिठाई और व्यंजन बनाए जा सकते हैं। यहां आपको माता महागौरी की पूजा में पांच तरह के भोग बताएं जा रहे हैं।
एक कढ़ाई में तिल को दो मिनट भूनकर निकाल लें। फिर कद्दूकस किए नारियल को भूनें। तिल को मिक्सी में दरदरा पीसकर बारीक कटे खजूर के साथ मिला लें। अब भुना हुआ नारियल मिलाएं। इस मिश्रण का गोल लड्डू तैयार कर लें।
दो कप नारियल, 200 ग्राम गुड़ को कद्दूकस कर लें। हल्का घी कढ़ाई में गरम करके नारियल और गुड़ को भून लें। जब यह मिश्रण चिपचिपा हो जाए तो आंच बंद करके हल्का ठंडा करें। अब इस मिश्रण का गोल-गोल लड्डू बनाकर थाली में ठंडा करें।
पैन में घी और खोया मिलाकर भून लें। ठंडा होने पर नारियल मिलाकर एक तरफ रख दें। अब दूसरे पैन में चाशनी तैयार कर लें। खोया के मिश्रण में चाशनी मिलाएं। एक थाली में घी लगाकर इस मिश्रण को मोटी लेयर में फैला लें। सेट होने तक ठंडा करें। फिर चाकू से बर्फी के शेप में काट लें।