रंगमंच विभाग व लोक प्रदर्शन कारी कला विभाग, दून विश्वविद्यालय और कलामंच द्वारा आयोजित नाट्य समारोह 27 से 31 मार्च, 2023 तक आयोजित किया गया। जिसमें देहरादून क्षेत्र के विभिन्न नाट्य दलों ने अपनी-अपनी प्रस्तुतियां प्रस्तुति दी। बेहद सीमित संसाधनों के बावजूद यह समारोह पांच दिनों तक चला जिसमे कुल 7 विभिन्न नाटक दिखाए गए।
समारोह के प्रथम दिन का उदघाटन कुलपति प्रो० सुरेखा डंगवाल, कुलसचिव डॉ मंगल सिंह मन्द्रवाल, प्रो० एच० सी पुरोहित, डॉ चेतना पोखरियाल, डॉ जागृति डोभाल, अभिनंदा और टीके अग्रवाल ने दीप प्रज्वलित कर नाट्य समारोह का शुभारंभ किया।
प्रथम दिवस पर एलुमनाई ऑफ दू यूनिवर्सिटी द्वारा जानेमन नाटक, खेला गया। दूसरी प्रस्तुति रजनीश बिष्ट के निर्देशन में खेल तमाशा दिल्ली द्वारा नजीर कीर्तन प्रस्तुत की गई। द्वितीय दिवस पर एकलव्य नाट्य दल द्वारा खिड़की का मंचन किया गया। जिसका निर्देशन अखिलेश नारायण ने किया।
तीसरे दिवस पर आरंभ नाट्य दल द्वारा पार्क नाटक का मंचन हुआ। मान्यव कौल के नाटक को ज्योतिष घिल्डियाल ने निर्देशित किया। चौथे दिन धाद नाट्य मंडल द्वारा चेखव द्वारा लिखित प्रपोजल नाटक किया गया जिसका निर्देशन कैलाश कंडवाल ने किया। समारोह के अंतिम दिवस पर रंगमंच विभाग द्वारा मीडिया और खाडू लापता नाटक का मंचन किया गया।
यूरोपीडीज लिखित नाटक मीडिया का निर्देशन डॉ अजीत पँवार ने किया वहीं ललितमोहन थपलियाल के हास्य नाटक खाडू लापता का निर्देशन डॉक्टर राकेश भट्ट ने किया।
नाट्य समारोह के मंचन का उद्देश्य यह है कि इनमें से अधिकांश नाटक एम.ए. थिएटर के पाठ्यक्रम में है और कक्षा में चर्चा सत्र के दौरान, छात्रों ने पारस्परिक रूप से इस नाटक का निर्माण और मंचन करने का निर्णय लिया। सदियों से, लोक कथाओं ने हमारे संस्कृति। अतीत की परिस्थितियाँ और परिस्थितियाँ कहानी में दिखाई देती हैं और उन्हें नाटक के माध्यम से मंच पर लाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है।
मीडिया नाटक के पात्रों की भूमिका में धाय-भावना नेगी, शिक्षक-रिपुल वर्मा, कोरस-शालिनी राणा, आकांक्षा कोहली, विनीता ऋतुंजय, मेडिया-गायत्री टम्टा, गीतांजोलि पोद्दार, क्रेओन-अरुण ठाकुर, सैनिक-रिपुल, चंद्रभान, देव्यांशु, सिद्धांत, लक्ष्य जैन, जैसन-सिद्धार्थ डंगवाल, एकगियस-चंद्रभान कुमार, संदेशवाहक सिद्धांत शर्मा चुडैल – शालिनी राणा, आकांक्षा कोहली, विनीता ऋतुंजय रही।
जबकि खाडू लापता में
हरी सिंह- ड़ा राकेश भट्ट
वैधराज- शैलेन्द्र तिवारी
परमानंद- ड़ा मानवेन्द्र बर्तवाल
तुलसीराम- मोहित घिल्डियाल अपनी अपनी भूमिका में रहे।
समारोह के अंतिम दिन शहर भर के रंगकर्मी जुटे रहे। जिनमे एस पी ममगाईं, जागृति डोभाल, विजया जैन, कौशल्या अग्रवाल, श्रीश डोभाल, पूनम नैथानी, अनिता नौटियाल, मंजुला तिवारी, आदि प्रमुख रहे।