नई टिहरी। उत्तराखण्ड राज्य में रहने वाले सभी नागरिकों के व्यक्तिगत नागरिक मामलों को नियंत्रित करने वाले सभी प्रासंगगिक कानूनों की जांच करने और मौजूदा कानून में संशोधन के साथ समान नागरिक संहिता के परीक्षण एवं क्रियान्वयन हेतु गठित राज्य स्तरीय समान नागरिक संहिता विशेषज्ञ समिति के सदस्यों द्वारा शुक्रवार को जिला कलेक्ट्रेट टिहरी गढ़वाल के सभाकक्ष में व्यक्तिगत नागरिक मामलों के मौजूदा कायदे कानून के परीक्षण एवं समान नागरिक संहिता के प्रस्तावित प्रारूप को लेकर आम नागरिकों के साथ परिचर्चा कर उनके सुझाव प्राप्त किये गये।
इस दौरान उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों द्वारा विवाह, तलाक, गोद लेना, सम्पति का अधिकार, लिविंग रिलेशनशिप, समलैंगिकता आदि अनेक मुद्दों को लेकर अपने-अपने मत, विचार एवं सुझाव समिति के सम्मुख रखे गये।
विशेषज्ञ समिति के सदस्य आई.ए.एस.(सेवानिवृत) शत्रुघ्न सिंह, कुलपति दून विश्वविद्यालय सुरेखा डंगवाल एवं समाजिक कार्यकर्ता मनु गौर द्वारा समान नागरिक संहिता के विषय में जानकारी देते हुए बताया गया कि समिति से व्यक्तिगत नागरिक मामलों को नियंत्रित करने वाले कायदे कानूनों का परीक्षण कर आवश्यक परिवर्तन एवं संशोधन कर संस्तुति कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने की अपेक्षा की गई है।
समिति के सदस्यों द्वारा उपस्थित सभी गणमान्यों नागरिकों से विवाह उम्र, बहुविवाह, तलाक, गोद लेना, सम्पति का अधिकार, लिविंग रिलेशनशिप, समलैंगिकता आदि अनेक विषयों पर परिचर्चा कर उनके मत, विचार जानकर उनके सुझाव लिये गये। इससे पूर्व जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल सौरभ गहरवार एवं मुख्य विकास अधिकारी मनीष कुमार द्वारा समिति के सदस्यों का स्वागत कर जनपद एक दृष्टि का प्रस्तुतिकरण के माध्यम से अवगत कराया गया।
गणमान्य एवं प्रबुद्धजनों द्वारा अपने-अपने मत रखते हुए किसी के द्वारा शादी की उम्र बढ़ाने की बात कही गई, ताकि लड़की-लड़के को अपना भविष्य संवारले का समय मिल सके, तो किसी ने कहा कि शादी की उम्र की बढने से अपराधों की संख्या मेें बढ़ोत्तरी की सम्भावना है और इससे अन्य कई कानूनों में भी संशोधन किये जाने होंगे। किसी के द्वारा देश को सर्वाेपरि रखते हुए समान अधिकार कानून बनाने का सुझाव दिया गया।
बहुविवाह का विरूद्ध करने, बच्चों की अर्जित सम्पति पर माता-पिता का भी अधिकार, महिलाओं को पुरुषों के समान बराबर संपत्ति का अधिकार दिए जाने, समान नागरिक संहिता कानून बनाये जाने, रूढ़ीवादी सोच को ग्राउण्ड लेबल से समाप्त करने, संस्कृति और रीति रिवाजों से छेड़छाड़ किये बिना सभी के हितों का ध्यान में रखते कानून बनाने पर सुझाव दिए गए।
इस दौरान अध्यक्ष जिला पंचायत सोना सजवाण, विधायक टिहरी किशोर उपाध्याय, नगरपालिका अध्यक्ष चम्बा सुमना रमोला, ब्लॉक प्रमुख प्रतापनगर प्रदीप रमोला, जाखणीधार सुनीता देवी, चम्बा शिवानी बिष्ट, स्वयं सेवी संगठन से सुशील बहुगुणा, पीडी डीआरडीए प्रकाश रावत, अधिवक्ता बीना सजवाण एवं श्री भट्ट, सीडब्लूसी से अमिता रावत, रंगीनी भट्ट एवं महिपाल सिंह नेगी, सेवायोजन अधिकारी विनायक श्रीवास्तव, पीजी कॉलेज से आरीती खण्डूरी, ग्राम प्रधान मंदार संगीता रावत सहित मो. तसलीम खुरैशी, बीना रतूड़ी सहित अन्य गणमान्य नागरिकों द्वारा अपने-अपने विचार एवं सुझाव रखे गये।
इस मौके पर एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर, डीडीओ सुनील कुमार, एसडीएम टिहरी अपूर्वा सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधि समाजसेवी, अधिकारी महिलाएं, युवा, प्रबुद्धजन, मीडिया के प्रतिनिधि मौजूद रहे।