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Monday, December 23, 2024
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योगी आदित्यनाथ ने शपथ के लिए 25 मार्च का दिन ही क्यों चुना? जानिये क्या कहती है ज्योतिषीय गणना

योगी आदित्यनाथ 25 मार्च को दूसरी बार देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। उनके शपथ ग्रहण समारोह को भव्य बनाने के लिए खास तैयारी की गई है। समारोह लखनऊ के इकाना इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा। पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत तमाम जानी-मानी हस्तियां शिरकत करेंगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड ज्योतिष रत्न आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल विद्यार्थी जीवन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में रहे हैं इससे भले ही मिलना ना होता हो परंतु उनका एक दूसरे के प्रति विशेष लगाव है ज्योतिष जगत में पहचान रखने वाले आचार्य घिल्डियाल के
मुताबिक 25 मार्च को शपथ की तारीख के चुनाव के पीछे भी खास वजह है। दरअसल, 14 मार्च को सूर्य के मीन राशि में आने के बाद से खरमास चल रहा है, जो 14 अप्रैल तक रहेगा। खरमास में किसी भी तरह का शुभ वर्जित है। इस दौरान गृह निर्माण आरंभ, जनेऊ, मुंडन, विवाह जैसे संस्कार नहीं करने की मान्यता है।

लेकिन खरमास में उत्तर प्रदेश में नई सरकार का गठन होने जा रहा है और योगी आदित्यनाथ दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं। गुरु इन दिनों अस्त चल रहे हैं और गुरु के अस्त होने कारण इस काल में कोई भी नया कार्य या पदभार ग्रहण करना अच्छा नहीं माना जाता है। अब गुरु 26 मार्च को उदित होंगे।

लेकिन इन सभी प्रतिकूल योगों के बीच एक शुभ स्थिति भी बन रही है। 24 मार्च को बुध मीन राशि में पहुंचकर बुधादित्य योग बना रहे हैं, जिसे ज्योतिष शास्त्र में राजयोग के रूप में जाना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक बुध और सूर्य का संयोग राजनीति में सत्ता को बुद्धि और कौशल से चलाने का कौशल प्रदान करता है। साथ ही शासक और राजस्व में वृद्धि करने के लिए बुद्धि प्रदान करता है। उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य की सत्ता चलाने के लिए इस प्रकार का योग होना बहुत आवश्यक है।


आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल बताते हैं कि
महीने में खरमास होने के बाद भी यह महीना शुभ माना गया है। इसलिए खरमास होने के बावजूद शपथ ग्रहण के लिए यह योग शुभ है। होली से पहले शपथ न लेने के पीछे होलाष्ठक के होने का कारण बताया था।

वहीं, नक्षत्र की बात करें तो 25 तारीख को नक्षत्र बहुत ही उत्तम है और इस दिन स्थिर योग बन रहा है। जिस दौरान किया गया कोई भी कार्य स्थिर होता है। इस दिन मूल नक्षत्र अष्टमी तिथि है जिसे शीतला अष्टमी भी कहते है।


आचार्य के मुताबिक ऐसे समय में जो भी कार्य किया जाता है उसमें कोई भी विघ्न-बाधा नहीं आता है इसलिए 25 तारीख को योगी आदित्यनाथ अपने मंत्रिमंडल के साथ शपथ ग्रहण लेंगे। उन्होंने विशेष बात यह भी उल्लेखित की कि योगी आदित्‍यनाथ की 2024 में केतु की महादशा के बाद शुक्र महादशा चलेगी, और शुक्र ग्रह सौरमंडल में स्त्री ग्रह माना जाता है इसलिए योगी आदित्यनाथ को प्रत्येक महत्वपूर्ण कार्य अष्टमी तिथि को करने चाहिए।

जिससे उनका शुक्र ग्रह बलवान हो क्योंकि उसकी दशा 20 वर्ष के लिए उन पर आएगी इस प्रकार अभी से वह इन सब बातों का पालन करेंगे तो यह दशा उनके लिए स्वर्णकाल साबित हो सकती है।

आचार्य का परिचय
नाम-आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल
प्रवक्ता संस्कृत।
निवास स्थान- 56 / 1 धर्मपुर देहरादून, उत्तराखंड। कैंप कार्यालय मकान नंबर सी 800 आईडीपीएल कॉलोनी वीरभद्र ऋषिकेश
मोबाइल नंबर-9411153845
उपलब्धियां
वर्ष 2015 में शिक्षा विभाग में प्रथम गवर्नर अवार्ड से सम्मानित, वर्ष 2016 में उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उत्तराखंड ज्योतिष रत्न सम्मान से सम्मानित, वर्ष 2017 में त्रिवेंद्र सरकार ने दिया ज्योतिष विभूषण सम्मान। वर्ष 2013 में केदारनाथ आपदा की सबसे पहले भविष्यवाणी की थी। इसलिए 2015 से 2018 तक लगातार एक्सीलेंस अवार्ड, 5 सितंबर 2020 को प्रथम वर्चुअल टीचर्स राष्ट्रीय अवार्ड, अमर उजाला की ओर से आयोजित ज्योतिष महासम्मेलन में ग्राफिक एरा में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिया ज्योतिष वैज्ञानिक सम्मान।

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