12.2 C
Dehradun
Thursday, December 26, 2024
Homeहमारा उत्तराखण्डरुद्रप्रयागतृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट शीतकाल को हुए बंद, अब शीतकालीन...

तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट शीतकाल को हुए बंद, अब शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ में होगी पूजा-अर्चना

तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ मंदिर के कपाट शनिवार को शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। चोपता, भनियाकुण्ड होते हुए 1 नवंबर को डोली शीतकालीन गद्दीस्थल मार्कण्डेय मंदिर मक्कूमठ में विराजमान हो जाएगी। यहां एक दिवसीय तुंगनाथ महोत्सव का भी आयोजन किया जा रहा है।

सुबह 9 बजे से तुंगनाथ मंदिर के कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू हुई। मैठाणी ब्राह्मणों द्वारा मठापति राम प्रसाद मैठाणी के हाथों मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद करने के संकल्प के साथ ही विशेष पूजा-अर्चना की गई। इस दौरान आराध्य के स्वयंभू लिंग को समाधि रूप देकर भव्य शृंगार किया गया।

दोपहर 12 बजे भगवान तुंगनाथ की भोग मूर्ति को चल विग्रह डोली में विराजमान करते हुए गर्भगृह से मंदिर परिसर में लाया गया। यहां पर परंपरानुसार सभी धार्मिक अनुष्ठान की औपचारिकताओं का निर्वहन किया गया। दोपहर 1 बजे कपाट बंद कर दिए गए।

साथ ही चल विग्रह डोली मंदिर की तीन परिक्रमा के उपरांत शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ के लिए प्रस्थान करेगी। डोली रात्रि प्रवास के लिए पहले पड़ाव चोपता पहुंचेगी। 31 अक्तूबर को भनियाकुण्ड में विश्राम करेगी। 1 नवंबर को आराध्य तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ छह माह की शीतकालीन पूजा-अर्चना के लिए अपने शीतकालीन गद्दीस्थल मार्कण्डेय मंदिर मक्कूमठ में विराजमान हो जाएंगे। इसके बाद शीतकाल में यहीं पर पूजा अर्चना की जाएगी।

RELATED ARTICLES

Leave a reply

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

- Advertisment -

Recent Comments

error: Content is protected !!