जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव को लेकर नैनीताल में जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस जिला अध्यक्ष राहुल छिमवाल ने कुछ लोगों पर उनके जिला पंचायत सदस्यों का अपहरण करने का आरोप लगाया है। इसको लेकर कांग्रेस कार्यकर्ता न्याय की मांग को लेकर हाईकोर्ट गए। नेता प्रतिपक्ष ने इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर जारी किया है।
वहीं इस मामले में हाईकोर्ट ने डीएम और एसएसपी को तलब किया। हाईकोट ने कहा कि 4.30 बजे तक उन सभी सदस्यों को पेश करें जिनके लापता होने का आरोप कांग्रेस ने लगाया हैं। साथ ही वोटिंग का टाइम भी बढ़ाया गया है।
बृहस्पतिवार को जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के लिए मतदान करने जा रहे जिला पंचायत सदस्यों को कई लोगों ने जिला पंचायत कार्यालय के पास से ही जबरन उठा लिया। जिसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। कांग्रेसियों ने पुलिस के सामने ही उनके समर्थक जिला पंचायत सदस्यों को अगवा करने का आरोप लगाया है। जिसके बाद सभी कांग्रेसी नेता हाईकोर्ट की शरण चले गए हैं। जिसके बाद नैनीताल का माहौल गर्म हो गया है।
- हाईकोर्ट ने दिए सभी जिला पंचायत सदस्यों को तलाशने के निर्देश
- हाईकोर्ट से 10 जिला पंचायत सदस्यों को मिली पुलिस सुरक्षा
- पुलिस सुरक्षा में ही वोटिंग की जाएंगे
- एसएसपी नैनीताल को कोर्ट का निर्देश, अगवा किए गए सदस्यों को मतदान स्थल लेकर पहुंचे।
- पुलिस को जांच के निर्देश दिए कि सदस्य खुद गए या फिर अगवा किए गए
- पांचों सदस्यों के बयान हाईकोर्ट में भी होंगे दर्ज
- आसपास लगे सीसीटीवी कैमरा फुटेज की भी होगी जांच, आज ही सभी की वोटिंग के निर्देश
- सदस्यों के आने तक होगा मतदान, जरूरत पड़ने पर मतदान का समय भी बढ़ाने के निर्देश
- 18 को होगा अब मतदान।
नैनीताल में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव को लेकर हुए बवाल के बाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट में डीएम वंदना सिंह ने कहा कि वे चुनाव आयोग को दोबारा चुनाव कराए जाने का प्रस्ताव भेजेंगी।
इधर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा, नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भाजपा की खुली गुंडागर्दी सामने आई है। कांग्रेस पार्टी के समर्थन में वोट डालने जा रहे जिला पंचायत सदस्यों को गुंडागर्दी के बल पर उठाया गया। हरीश रावत ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा, नैनीताल हमारी शान है। यहां की जिला पंचायत का एक अभूतपूर्व व सम्मानजनक इतिहास रहा है। बृहस्पतिवार को जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को भाजपा ने गुंडागर्दी के दम पर कब्जाने का प्रयास किया। पूर्व विधायक संजीव आर्य के साथ मारपीट की गई। साथ ही नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य को धक्का दिया गया। पूरे उत्तराखंड को भाजपा के इस गुंडागर्दी के खिलाफ आवाज उठानी होगी। राज्य निर्वाचन आयोग का दायित्व है कि वोट डालने से वंचित जिला पंचायत सदस्यों से वोट डलवाए जाएं।