देहरादून। सरकार ने उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (UERC) के तकनीकी सदस्य पद पर मेहनत, ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के रूप में पहचान रखने वाले यूईआरसी के निदेशक तकनीकी प्रभात कुमार डिमरी को नियुक्त किया है। ऊर्जा और पर्यटन के क्षेत्र में मिसाल कायम कर चुके प्रभात डिमरी को इस नई जिम्मेदारी से राज्य में ऊर्जा के क्षेत्र में विकास के नए आयाम स्थापित होने की उम्मीदें लगाई जा रही है। उनकी नियुक्ति राज्य के लाखों विद्युत उपभोक्ताओं के हितों और अधिकारों को लेकर भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (UERC) में कुछ समय से तकनीकी सदस्य का पद रिक्त चल रहा रहा था। सरकार ने इस पद पर योग्य उम्मीदवारों से आवेदन मांगे गए थे। देशभर से इस पद के लिए ऊर्जा के क्षेत्र में तकनीकी विशेषज्ञओं ने आवेदन किया था। लेकिन सरकार ने राज्य के ठेठ चमोली जिले के जोशीमठ निवासी उच्च शिक्षित एवं ऊर्जा, पर्यटन और प्रबंधन के क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल कर चुके और पद के अनुरूप सुयोग्य अधिकारी प्रभात कुमार डिमरी को नियुक्ति कर उत्तराखंड के ऊर्जा क्षेत्र को सशक्त नेतृत्व देने की दिशा में सरहानीय निर्णय लिया है।
आयोग के तकनीकी सदस्य पद पर डिमरी की नियुक्ति मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की दूरदर्शी सोच एवं ऊर्जा के क्षेत्र में लिए जा रहे महत्वपूर्ण निर्णय में शामिल है। यह नियुक्ति ऊर्जा प्रदेश को सशक्त बनाने तथा लाखों बिजली उपभोक्ताओं के हितों में देखी जा रही है।
जड़ों से जुड़ाव, ऊंचाइयों की ओर बढ़ता व्यक्तित्व
चमोली जनपद के जोशीमठ तहसील स्थित छोटे से गांव पाखी में जन्मे प्रभात डिमरी का जीवन हमेशा से ही सादगी, सेवा और संकल्प से प्रेरित रहा है। सीमित संसाधनों में शिक्षा प्राप्त कर उन्होंने वर्ष 1986 में गोपेश्वर पी.जी. कॉलेज से स्नातक की डिग्री और 1992 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की। इसके बाद भी उन्होंने पढ़ाई जारी रखी। इसके अलावा एलएलबी, एमबीए( MBA in Finance), इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन में एडवांस सर्टिफिकेट जैसी डिग्रियां अर्जित कर अपनी कार्यक्षमता को और धार दी।
मल्टीनेशनल ऑफर को ठुकराकर चुनी अपनी मिट्टी की सेवा
प्रभात कुमार डिमरी ने पढ़ाई के बाद कई प्रतिष्ठित मल्टीनेशनल कंपनियों के आकर्षक प्रस्तावों को ठुकराकर अपनी मातृभूमि में काम करने का रास्ता चुना। परिणाम स्वरूप प्रभात डिमरी ने जो फैसला लिया, वह बताता है कि उनके लिए करियर से बढ़कर अपनी मातृभूमि की सेवा और राज्यहित में कुछ नया करने की सोच थी, और यही सोच उन्हें एक साधारण अधिकारी से राज्य के ऊर्जा क्षेत्र के स्तंभ के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण साबित हुई।
ऊर्जा और पर्यटन क्षेत्रों में बेहतरीन योगदान
राज्य में प्रभात कुमार डिमरी का कार्यकाल न केवल पावर सेक्टर बल्कि पर्यटन एवं इंफ्रास्ट्रक्चर विकास में भी बेहद महत्वपूर्ण रहा है:
1996–2005: गढ़वाल मंडल विकास निगम में ऑपरेशन मैनेजर के रूप में जोशीमठ-औली-गोर्सो रोपवे, चेयर लिफ्ट और स्की लिफ्ट परियोजनाओं में नेतृत्वकारी भूमिका निभाई। यह प्रोजेक्ट आज भी राज्य में नजीर के रूप में स्थापित है।
2005–2008: उत्तराखंड जल विद्युत निगम (UJVNL) में अधिशासी अभियंता रहते हुए उन्होंने जल विद्युत परियोजनाओं को गति दी। विशेष रूप से चीला पावर हाउस में वर्ष 2007–08 में रिकॉर्ड उत्पादन दर्ज किया। इसका लाभ राज्य के ऊर्जा क्षेत्र में मिला।
2008–2023: उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग में उपनिदेशक से तकनीकी निदेशक तक के सफर में उन्होंने न केवल आयोग का स्थायी भवन तैयार कराया, बल्कि प्रदेशभर में बिजली उपभोक्ता जन-जागरूकता अभियान की नींव भी रखी। कई प्रोजेक्ट का स्थलीय निरीक्षण कर वहां राज्यहित में कार्य कराये गए।
उपभोक्ताओं के हितों को लेकर वह सुदूरवर्ती धारचूला, मुनस्यारी, जोशीमठ, हर्षिल, मोरी जैसे क्षेत्रों में जन जागरूकता और उपभोक्ताओं की समस्याओं को सुनने पहुंचने वाले अफसरों में टॉप पर रहे।
रोपवे और ग्रीन टूरिज्म में अग्रणी सोच
प्रभात कुमार डिमरी का पहाड़ों से विशेष जुड़ाव उनके कार्यों में साफ दिखाई देता है। उन्होंने जोशीमठ और औली में रोपवे तंत्र को आधुनिक व्यावसायिक मॉडल में ढाला, और ग्रीन टूरिज्म की अवधारणा को आगे बढ़ाया। यहां चेयरलिफ्ट और स्की लिफ्ट प्रोजेक्ट को सफलतापूर्वक पूरा कर उन्होंने पर्यावरण और पर्यटन दोनों क्षेत्रों में संतुलन का उदाहरण प्रस्तुत किया। आज भी यह प्रोजेक्ट नजीर बना हुआ है। राज्य में रोप वे के क्षेत्र में यह प्रोजेक्ट महत्वपूर्ण माना जाता है। यहां डिमरी ने बुनियादी सुविधाएं विकसित कर प्रोजेक्ट को अंतराष्ट्रीय मानकों पर संचालित कराया है।
सम्मान, सौम्यता और सेवा का प्रतीक
यहां इस बात का उल्लेख करना भी जरूरी है कि जो लोग प्रभात कुमार डिमरी के साथ काम कर चुके हैं, वे भलीभांति जानते हैं कि उनके कार्य में पारदर्शिता, सरलता और पूरी ईमानदारी झलकती है। उनका सौम्य स्वभाव, सहयोगी दृष्टिकोण और नीतिगत स्पष्टता उन्हें एक अधिकारी से कहीं अधिक—एक लोक सेवक बनाती है। उनके अधीन काम करने वाले राज्य के अनिगिनत इंजीनियर उनके काम की तारीफ़ और अनुभव साझा करते देखे जाते हैं।
सरकार का सराहनीय निर्णय
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बिजली की नीति और नियमों का पालन करानी वाली महत्वपूर्ण संस्था में एक योग्य, अनुभवी और निष्ठावान अधिकारी को इतनी महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपना न केवल सरकार की दूरदर्शिता को दर्शाता है, बल्कि यह भी प्रमाणित करता है कि उत्तराखंड में कर्तव्यनिष्ठा को सम्मान मिल रहा है। इसका लाभ आने वाले दिनों में देखने को मिलेगा।.प्रभात कुमार डिमरी की नियुक्ति उन सभी अफसरों के लिए प्रेरणा है, जो अपने गांव, अपने राज्य और देश के लिए कुछ करने का सपना देखते हैं। उनकी नियुक्ति सिर्फ एक पद भर नहीं, बल्कि ईमानदार प्रयासों को मिलने वाली स्वीकृति और सम्मान है।