उत्तराखंड के नगर निगमों, नगर पालिकाओं, नगर पंचायतों पर सरकार मेहरबान नजर आई है। बजट में नए निकायों को सरकार ने 10-10 करोड़ की सौगात राज्य वित्त आयोग के माध्यम से दी है तो अनिर्वाचित निकायों बदरीनाथ, केदारनाथ और गंगोत्री के लिए इस बार भी दो-दो करोड़ का प्रावधान किया गया है।
नगर निगमों के लिए सरकार ने 392 करोड़ 96 लाख, नगर पालिकाओं के लिए 464 करोड़ 37 लाख, नगर पंचायतों के लिए 114 करोड़ 70 लाख का प्रावधान किया है। नए निकायों जैसे नगर पालिका नगला ऊधमसिंह नगर, नगर पंचायत सुल्तानपुर-आदमपुर, पाडली गुर्जर, ढंडेरा, रामपुर, इमलीखेड़ा, तपोवन, थलीसैंण, गरुड़, लालपुर, सिरौलीकला और सेलाकुई के लिए सरकार ने सीधे तौर पर 10-10 करोड़ बजट का प्रावधान किया है।
वहीं अनिर्वाचित नगरीय निकाय बदरीनाथ, केदारनाथ और गंगोत्री को पिछले वित्तीय वर्ष की भांति इस बार भी दो-दो करोड़ की सौगात दी गई है। दूसरी ओर, सरकार ने केंद्रीय वित्त आयोग से भी निकायों के लिए 446 करोड़ रुपये के बजट की उम्मीद जताई है। इसके तहत केंद्र से नगर निगमों को 172 करोड़, नगर पालिकाओं को 202 करोड़ 19 लाख, नगर पंचायतों को 559 करोड़ 27 लाख और कैंट बोर्ड को 15 करोड़ 78 लाख अनुदान की संभावना जताई गई है।
स्वास्थ्य क्षेत्र में 307 करोड़
स्थानीय निकायों के लिए बजट में स्वास्थ्य सुविधाओं को 307 करोड़ 72 लाख का प्रावधान किया गया है। इसमें बुनियादी ढांचे के लिए उप केंद्र बनाने को 27 करोड़ 88 लाख, सहायता पीएससी के लिए 25 करोड़ 66 लाख, सहायता यूपीएससी के लिए 6 करोड़ 68 लाख, ब्लॉक स्तर पर लोक स्वास्यि इकाइयों की स्थापना को 4 करोड़ 55 लाख, शहरी स्वास्थ्य एवं आरोग्य केंद्रों के लिए 167 करोड़ 22 लाख, भवन रहित उप केंद्रों एसएसएचसी, पीएचसी, सीएचसी के लिए 2 करोड़ 92 लाख, ग्रामीण पीएससी, एससी को स्वास्थ्य और आरोग्य केंद्र में बदलने के लिए 72 करोड़ 81 लाख रुपये बजट का प्रावधान किया गया है।
सरकार ने जिला पंचायतों के लिए 245 करोड़ 59 लाख, क्षेत्र पंचायतों के लिए 114 करोड़ 61 लाख, ग्राम पंचायतों के लिए 294 करोड़ 70 लाख रुपये के बजट का प्रावधान किया है। वहीं, केंद्रीय वित्त आयोग से जिला पंचायतों के लिए 99 करोड़ 80 लाख, क्षेत्र पंचायतों के लिए 66 करोड़ 53 लाख, ग्राम पंचायतों के लिए 499 करोड़ चार लाख का बजट अनुमान लगाया गया है।