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Wednesday, April 16, 2025
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जन्माष्टमी 2024 : पूजा विधि, व्रत पारण, धन लाभ के लिए करें यह उपाय

हिंदू पंचांग के अनुसार कृष्ण जन्मोत्सव का पर्व प्रत्येक वर्ष भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस बार भादो कृष्ण अष्टमी तिथि 26 अगस्त को सुबह 03:39 से लेकर 27 अगस्त को देर रात 02:19 तक रहेगी।  ग्रहस्थ लोग 26 अगस्त को जन्माष्टमी मनाएंगे।  इस दिन श्रीकृष्ण की पूजा का शुभ मुहूर्त मध्यरात्रि 12:00 बजे से लेकर 12:45 बजे तक रहेगा।

इस विधि से करें जन्माष्टमी व्रत का पारण

  • जो लोग जन्माष्टमी का व्रत कर रहे हैं, उन्हें इस व्रत का पारण समय और विधि अनुसार करना चाहिए।
  • सबसे पहले भगवान कृष्ण की विधिपूर्वक पूजा करें और उन्हें प्रणाम करें।
  • फिर पूजा में चढ़ाए गए प्रसाद जैसे- माखन, मिश्री, खीरा या पंजीरी आदि को ग्रहण करें।
  • इसके बाद सात्विक भोजन करें, जिसमें लहसून, प्याज न  हो।
  • इसके साथ ही भगवान का आभार प्रकट करें।

भगवान श्रीकृष्ण को अर्पित करें प्रिय फूल 

  • लड्डू गोपाल के हृदय में कमल के फूल का अहम स्थान माना जाता है। अगर आप प्रभु की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो जन्माष्टमी की पूजा के दौरान उन्हें कमल के फूल जरूर अर्पित करें। इससे साधक और परिवार के सभी सदस्यों को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
  • चमेली के फूल को अच्छी सुगंध के लिए जाना जाता है। ऐसे में आप पूजा थाली में चमेली के फूल को जरूर शामिल करें। ऐसा करने से आध्यात्मिक भक्ति में वृद्धि होती है।
  • इसके अलावा लड्डू गोपाल को पलाश, करवरी और गेंदे के फूल अर्पित कर सकते हैं। इन सभी फूलों को अर्पित करने से लड्डू प्रसन्न होंगे और जीवन में खुशियों का आगमन होगा। साथ ही साधक को करियर में सफलता प्राप्त होगी।

धन लाभ के लिए जन्माष्टमी पर करें ये उपाय

  • जन्माष्टमी पर पूजा के दौरान ”क्लीं कृष्णाय वासुदेवाय हरये:परमात्मने प्रणत:क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः” मंत्र का जाप करने से शत्रु का भय कम होता है।
  • अगर आप आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं, तो जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर कान्हा जी का केसर मिश्रित दूध से अभिषेक करें। ऐसा करने पर आर्थिक परेशानियों का निवारण होता है।

जन्माष्टमी को किसी त्योहार के रूप में नहीं बल्कि उत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह एक ऐसा पर्व है जो हमारे जीवन से नकारात्मकता को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है। जन्माष्टमी पर झांकी सजाने का उद्देश्य केवल नियम मात्र नहीं होता, बल्कि इसके कई लाभ भी हैं। आइए जानते हैं जन्माष्टमी पर झांकी सजाने के नियम और उससे जुड़े लाभ के बारे में।

  • जन्माष्टमी पर मोर पंख से झांकी सजाने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। आप मोरपंख को कान्हा के मुकुट या झूले आदि पर सजा सकते हैं।  मोर पंख कृष्ण की प्रिय वस्तुओं में एक है।
  • भाग्योदय या भाग्य में वृद्धि के लिए जन्माष्टमी पर झांकी में  गाय और बछड़े की मूर्ति या तस्वीरें भी रखें। साथ ही झांकी तैयार करने के लिए वैजयंती फूलों का भी प्रयोग करें।  इन चीजों से कान्हा को अत्यधिक लगाव है।
  • जन्माष्टमी पर झांकी तैयार करने में श्रीकृष्ण के प्रिय वस्तुओं का प्रयोग करना सबसे अच्छा होता है।  इसलिए आप बांसुरी का प्रयोग जरूर करें। आप झूले या मूर्ति के पास बांसुरी जरूर रखें। इससे घर पर सुख-शांति बनी रहती है और सभी परेशानियों का नाश होता है।

पुण्य लाभ के लिए पूजा-अर्चना में आराध्य देवता के साथ ग्रहों की प्रसन्नता भी जरूरी है। राशि के स्वामी से संबंधित देवी या देवता जातक के लिए विशेष लाभदायक होते हैं और उनकी उपासना से मनचाहा फल प्राप्त होता है। यदि भक्त अपनी राशि के अनुसार वस्त्रों से भगवान का शृंगार और पूजन करें तो भगवान श्रीकृष्ण के साथ-साथ राशि के स्वामी भी प्रसन्न और ग्रह-नक्षत्र अनुकूल होकर अशुभ फल में कमी करते हैं।

मेष : इस राशि का स्वामी मंगल है। इसलिए मेष राशि वाले भगवान श्रीकृष्ण को लाल रंग के वस्त्र धारण कराएं और घर की झांकी में अधिक से अधिक लाल रंग का उपयोग करें।

वृष : इस राशि का स्वामी शुक्र है। इसलिए वृष राशि वाले श्रीकृष्ण को चटक सफेद रंग के वस्त्र धारण कराएं और घर की झांकी में अधिक से अधिक सफेद रंग का उपयोग करें।

मिथुन : इस राशि का स्वामी बुध है। इसलिए इस राशि के लोग भगवान श्रीकृष्ण को हरे रंग के वस्त्र धारण कराएं और घर की झांकी में अधिक से अधिक हरे रंग का उपयोग करें।

कर्क : इस राशि का स्वामी चंद्रमा है। इसलिए कर्क राशि वाले भगवान श्रीकृष्ण को श्वेत रंग के वस्त्र धारण कराएं और घर की झांकी में अधिक से अधिक श्वेत रंग का उपयोग करें।

सिंह : इस राशि का स्वामी सूर्य है। इसलिए सिंह राशि वाले भगवान श्रीकृष्ण को लाल, गुलाबी रंग के वस्त्र धारण कराएं और घर की झांकी में लाल एवं गुलाबी रंग का उपयोग करें।

कन्या : इस राशि का स्वामी बुध है। इसलिए कन्या राशि वाले भगवान श्रीकृष्ण को हरे रंग के वस्त्रों से सुशोभित करें और घर की झांकी में अधिक से अधिक हरे रंग का उपयोग करें।

तुला : इस राशि का स्वामी शुक्र है। इसलिए तुला राशि वाले श्रीकृष्ण को चटक सफेद रंग के वस्त्रों से सुशोभित करें और झांकी में अधिक से अधिक सफेद रंग का उपयोग करें।

वृश्चिक : इस राशि का स्वामी मंगल है। इसलिए वृश्चिक राशि के लोग श्रीकृष्ण को लाल रंग के वस्त्रों से सुशोभित करें और घर की झांकी में अधिक से अधिक लाल रंग का उपयोग करें।

धनु : इस राशि का स्वामी बृहस्पति है। इसलिए धनु राशि वाले भगवान श्रीकृष्ण को पीले रंग के वस्त्र धारण कराएं और घर की झांकी में अधिक से अधिक पीले रंग का प्रयोग करें।

मकर : इस राशि का स्वामी शनि है। इसलिए मकर राशि वाले भगवान श्रीकृष्ण को श्याम वर्ण के वस्त्र धारण कराएं और घर की झांकी में श्याम रंग का उपयोग करें।

कुंभ : इस राशि का स्वामी भी शनि है। इसलिए कुंभ राशि वाले श्रीकृष्ण को श्याम वर्ण के वस्त्रों से सुशोभित करें और घर की झांकी में श्याम रंग का उपयोग करें।

मीन : इस राशि का स्वामी बृहस्पति है। इसलिए मीन राशि वाले भगवान श्रीकृष्ण को पीले रंग के वस्त्रों से सुशोभित करें और झांकी में अधिक से अधिक पीले रंग का उपयोग करें।

पूजा विधि

  • जन्माष्टमी के दिन ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करें और व्रत रखने का संकल्प लें।
  • पूजा की शुरुआत से पहले घर और मंदिर को साफ करें।
  • लड्डू गोपाल जी का पंचामृत व गंगाजल से अभिषेक करें।
  • फिर उन्हें नए सुंदर वस्त्र, मुकुट, मोर पंख और बांसुरी आदि से सजाएं। पीले चंदन का तिलक लगाएं।
  • माखन -मिश्री, पंजीरी, पंचामृत, ऋतु फल और मिठाई आदि चीजों का भोग लगाएं।
  • कान्हा के वैदिक मंत्रों का जाप पूरे दिन मन ही मन करें।
  • आरती से पूजा का समापन करें। अंत में शंखनाद करें। इसके बाद प्रसाद का वितरण करें।
  • अगले दिन प्रसाद से अपने व्रत का पारण करें। पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगे।
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