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Sunday, December 22, 2024
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हरेला सुख, समृद्धि और खुशहाली का पर्व : सुबोध

वन मंत्री सुबोध उनियाल और कैबिनेट मंत्री व क्षेत्रीय विधायक डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने हरेला पर्व के उपलक्ष्य में पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प भी लिया गया। इस मौके पर मंत्री डॉ अग्रवाल के सुपुत्र पीयूष अग्रवाल के जन्मदिन पर भी पौधरोपण किया। साथ ही प्रत्येक नागरिक से जन्मदिन पर पौधरोपण करने का आवाहन किया गया।

रविवार को बायपास मार्ग स्थित स्मृति वन में पौधरोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि हरेला सुख, समृद्धि और खुशहाली का पर्व है। हरेला पर्व पर्यावरण संरक्षण का त्यौहार है।

ऋग्वेद में भी हरियाली के प्रतीक हरेला का उल्लेख किया गया है। बताया कि इस त्यौहार को मनाने से समाज कल्याण की भावना विकसित होती है। आज का युवा जिस तरह से पुराने त्योहारों को भूलता चला जा रहा है उस बीच हरेला त्यौहार की प्रसिद्धि आज की युवा पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने का काम भी कर रही है।

श्री उनियाल ने कहा कि शास्त्रों में लिखा गया है कि एक पेड़ लगाने से एक यज्ञ के बराबर पुण्य मिलता है। कहा कि पीपल का पेड़ लगाने से व्यक्ति को सैंकड़ों यज्ञों के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है। केवल इतना ही नहीं भारतीय संस्कृति में एक पेड़ लगाना, सौ गायों का दान देने के समान माना गया है। श्री उनियाल ने कहा कि ऐसे त्यौहार अगर समय-समय पर मनाते जाएं तो युवा भी अपनी संस्कृति के प्रति रुझान करेंगे और युवा पीढ़ी भविष्य में इसके महत्व को भी समझ सकेगी।

कैबिनेट मंत्री व क्षेत्रीय विधायक डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि पौधारोपण हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग है, हमें अपने जीवन में जितना हो सके उतना अधिक से अधिक पौधारोपण करना चाहिये।

उन्होंने कहा कि पेड़-पौधों की कमी से निरंतर पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है। पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने के लिए पौधारोपण बहुत जरूरी है। हम सभी का फर्ज बनता है कि पृथ्वी की खूबसूरती को बनाए रखने में अपना योगदान दें। उन्होंने युवाओं को अधिक से अधिक पौधे लगाने की अपील की।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि प्रकृति समस्त जीवों के जीवन का मूल आधार है। प्रकृति का संरक्षण एवं संवर्धन सभी जीव जगत के लिए बेहद ही अनिवार्य है। प्रकृति पर ही पर्यावरण निर्भर करता है। यदि प्रकृति असन्तुलित होगी तो पर्यावरण भी असन्तुलित होगा। कहा कि प्राकृतिक आपदाओं से बचने और पर्यावरण को शुद्ध बनाने के लिए पेड़ों का होना बहुत जरूरी है। पेड़ प्रकृति का आधार हैं। पेड़ों के बिना प्रकृति के संरक्षण एवं संवर्धन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है।

इस अवसर पर पीयूष अग्रवाल ने कहा कि यदि प्रकृति को ईश्वर का दूसरा रूप कहा जाए तो कदापि गलत नहीं होगा। पेड़ों पर प्रकृति निर्भर करती है। पेड़ लगाना प्रकृति का संरक्षण व संवर्धन है और प्रकृति का संरक्षण व संवर्धन ईश्वर की श्रेष्ठ आराधना है। एक पेड़ लगाने से असंख्य जीव-जन्तुओं के जीवन का उद्धार होता है और उसका अपार पुण्य सहजता से हासिल होता है। एक तरह से पेड़ लगाने से अपार पुण्य की प्राप्ति होती है।

इस मौके पर हरेला पर्व व मंत्री डॉ अग्रवाल के सुपुत्र के जन्मदिन पर आम, पीपल, तुलसी, लीची, बेलपत्र, नींबू सहित फलदार व छायादार पौधे रोपे गए। साथ ही प्रत्येक व्यक्ति से अपने जन्मदिन पर पौधरोपण करने का आवाहन किया गया।

इस मौके पर महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल, जिला महामंत्री सुदेश कंडवाल, पूर्व दर्जाधारी संदीप गुप्ता, सुरेंद्र मोंगा, संजय शास्त्री, जितेंद्र अग्रवाल, मंडल अध्यक्ष ऋषिकेश दिनेश सती, श्यामपुर गणेश रावत, वीरभद्र अरविंद चौधरी, सुमित पंवार, जयंत शर्मा, प्रदीप दुबे, प्रदेश सह सोशल मीडिया प्रभारी प्रशान्त चमोली, पर्यावरणविद विनोद जुगलान, महिला मोर्चा मंडल अध्यक्ष उषा जोशी, पुनिता भंडारी, निर्मला उनियाल, अनिता तिवारी, सतपाल सैनी, आरती गौड़, मानवेन्द्र कण्डारी, सुंदरी कंडवाल, प्रदीप कोहली, जसविंदर राणा, मीना गौड़, पुष्पा ध्यानी, कमला नेगी, मैत्री स्वयं सेवी संस्था की अध्यक्ष कुसुम जोशी, राजपाल ठाकुर, रूपेश गुप्ता, देवव्रत शर्मा, विजय जुगलान, समा पंवार, अमित गांधी, हरि शंकर प्रजापति, राकेश पारछा, जितेंद्र भारती सहित अन्य मौजूद रहे।


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