माघ मास के गुप्त नवरात्र दो फरवरी को वरयान योग में आरंभ हो रहे हैं। देवी आराधना के नौ दिवसीय पर्व काल में यंत्र, मंत्र और वैदिक तंत्र की साधना का विशेष महत्व है।
खास बात यह है कि नवरात्र के नौ दिनों में पांच रवियोग और दो सर्वार्थसिद्धि योग के संयोग बन रहे हैं। शुभ मांगलिक कार्यों की शुरुआत के लिए यह महामुहूर्त श्रेष्ठ फलप्रदाता माने गए हैं। नवरात्र में वसंत पंचमी व नर्मदा जयंती जैसे महापर्व भी आएंगे।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार वर्षभर में चार नवरात्र आते हैं। इनमें चैत्र व अश्विन मास की नवरात्र को प्रकट और आषाढ़ व माघ मास की नवरात्र गुप्त कही जाती है। इस बार माघी गुप्त नवरात्र का आरंभ दो फरवरी को बुधवार के दिन धनिष्ठा नक्षत्र, वरयान योग, बव करण तथा कुंभ राशि के चंद्रमा की साक्षी में हो रहा है।
पंचांग की यह पांच स्थितियां देवी आराधना व गुप्त साधना के लिए विशेष मानी जाती है। नौ दिवसीय नवरात्र में द्वितीया तिथि का क्षय रहेगा। साथ ही पांच रवियोग व दो सर्वार्थसिद्धि योग की साक्षी पर्वकाल को महत्वपूर्ण बना रही हैं।