प्रदेश में उत्तराखंड की महिलाओं को क्षैतिज आरक्षण पर रोक के बाद अब राज्य लोक सेवा आयोग ने समूह-ग की पहली भर्ती में सभी महिलाओं के लिए आरक्षण की राह खोल दी है। यह बदलाव पटवारी-लेखपाल भर्ती में नजर आएगा।
राज्य लोक सेवा आयोग ने जो विज्ञप्ति जारी की है, उसमें महिलाओं को क्षैतिज आरक्षण दिया गया है, लेकिन यह आरक्षण केवल उत्तराखंड की ही महिलाओं के लिए नहीं है। इसके बजाए यह आरक्षण सभी महिलाओं को दिया गया है। यह बात अलग है कि समूह-ग की भर्तियों में केवल राज्य के मूल निवासी उम्मीदवार ही आवेदन कर सकते हैं।
हाईकोर्ट के आदेश के तहत सभी श्रेणियों के साथ ही उप श्रेणी का आरक्षण मिलेगा। मसलन, अगर कोई उम्मीदवार महिला है और वह ओबीसी सर्टिफिकेट धारक है तो उसे महिला आरक्षण का लाभ ओबीसी श्रेणी में ही मिलेगा। पटवारी के कुल 391 में से 117 पद महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए हैं। इसी प्रकार, लेखपाल में कुल 172 में से 69 पद महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। आयोग के सचिव जीएस रावत के मुताबिक, हाईकोर्ट के आदेशों के तहत ही पटवारी भर्ती में आरक्षण रोस्टर बनाया गया है।
पटवारी-लेखपाल भर्ती की मेरिट में आने के लिए उम्मीदवारों को न्यूनतम अंक हासिल करने होंगे। आयोग के मुताबिक, अनारक्षित उम्मीदवारों को कम से कम 45 प्रतिशत, ओबीसी व ईडब्ल्यूएस उम्मीदवारों को कम से कम 40 प्रतिशत और एससी-एसटी उम्मीदवारों को कम से कम 35 प्रतिशत अंक लाने ही होंगे। इसी आधार पर मेरिट में नाम शामिल होगा।
पटवारी-लेखपाल भर्ती की सेवा नियमावली में पहले शारीरिक दक्षता और फिर लिखित परीक्षा का प्रावधान था। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने इसमें बदलाव के लिए शासन को पत्र भेजा था। अब यह भर्ती राज्य लोक सेवा आयोग के पास आ गई है। राज्य आयोग ने साफ कर दिया है कि पहले लिखित परीक्षा होगी। इससे चुने जाने वाले उम्मीदवारों की ही शारीरिक दक्षता परीक्षा होगी।
अल्मोड़ा में पटवारी के कुल 50 पद हैं। इनमें जनरल के 31, ओबीसी के छह, ईडब्ल्यूएस के छह, एससी के छह और एसटी के लिए एक पद आरक्षित है। अब इनमें 30 फीसदी महिलाओं को आरक्षण दिया जाएगा। मसलन जनरल की 31 में से 30 प्रतिशत सीटों यानी 9.3 पर महिलाओं को नौकरी दी जाएगी।
ओबीसी की छह में से 30 प्रतिशत के हिसाब से 1.8 सीट पर महिलाएं होंगी। इसी तरह सभी श्रेणियों में महिलाओं को आरक्षण मिलाकर कुल 12 सीटें आरक्षित मानी जाएंगी। इन सीटों के भरने के बाद अगर कोई महिला मेरिट के हिसाब से जगह बनाती है तो उसे महिला होने का लाभ नहीं मिलेगा बल्कि मेरिट के हिसाब से नौकरी मिलेगी।