उत्तराखंड में बिजली 5.62 प्रतिशत महंगी हुई है। एक अप्रैल से नई दरें लागू होंगी। वहीं प्रदेश के 4.64 लाख बीपीएल उपभोक्ताओं की बिजली 10 पैसे प्रति यूनिट महंगी।
उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग में आज हुई प्रेसवार्ता में आयोग के अध्यक्ष एम एल प्रसाद एवं सदस्य विधि अनुराग शर्मा ने यह जानकारी साझा की।
बिजली | महंगी |
घरेलू | 5.66% |
अघरेलू | 4.97% |
गर्वनमेंट पब्लिक यूटिलिटी | 5.02% |
प्राइवेट ट्यूबवेल | 7.82% |
एलटी इंडस्ट्री | 4.61% |
एचटी इंडस्ट्री | 5.91% |
मिक्स लोड | 5.37% |
रेलवे | 6.26% |
ईवी चार्जिंग स्टेशन | 9.29% |
प्रदेश में गर्मी बढ़ने के साथ ही बिजली की मांग में भी उछाल आना शुरू हो गया है। हालात ये हैं कि पांच दिन के भीतर बिजली की मांग 3.7 करोड़ से बढ़कर 4.2 करोड़ यूनिट तक पहुंच गई है। यूपीसीएल को बाजार से बिजली खरीदनी पड़ रही है।
राज्य में पिछले वर्ष बिजली की मांग रिकॉर्ड 6.5 करोड़ यूनिट तक पहुंची थी। इस साल अप्रैल महीने की शुरुआत से ही पारे की तरह बिजली की मांग भी बढ़नी शुरू हो गई है। पिछले पांच दिनों का ट्रेंड देखें तो मांग का ग्राफ स्पष्ट हो रहा है। 30 व 31 मार्च को बिजली की मांग 3.7 करोड़ यूनिट दर्ज की गई थी। इसके बाद एक अप्रैल को 3.6 करोड़ यूनिट, दो अप्रैल को 3.8 करोड़ यूनिट, तीन अप्रैल को चार करोड़ यूनिट और अब चार अप्रैल को 4.2 करोड़ यूनिट की डिमांड रिकॉर्ड की गई है।
इस बार बर्फबारी कम होने का असर बिजली उत्पादन पर भी नजर आ रहा है। यूजेवीएनएल का पिछले वर्ष अप्रैल माह में उत्पादन करीब 1.6 करोड़ यूनिट था जो कि इस साल एक करोड़ से 1.2 करोड़ यूनिट के आसपास चल रहा है। राज्य, केंद्र व अन्य माध्यमों से यूपीसीएल के पास मांग के सापेक्ष 3.4 करोड़ यूनिट बिजली ही उपलब्ध है। लिहाजा, रोजाना 80 से 85 लाख यूनिट तक बिजली बाजार से खरीदनी पड़ रही है।