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Wednesday, July 2, 2025
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Uttarakhand Earthquake: उत्तरकाशी में एक बार फिर भूकंप के झटके हुए महसूस, रिक्टर स्केल पर 2.5 रही तीव्रता

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। देर रात करीब एक बजकर 40 मिनट पर भूकंप का तेज झटका आया। डर के मारे लोग घरों से बाहर निकल आए। देर रात भूकंप आने से भय का माहौल है।

रिक्टर स्केल पर तीव्रता 2.5 मापी गई। भूकंप का केंद्र जिला मुख्यालय से सटे जसपुर गांव के समीप था। आईएमडी से प्राप्त जानकारी के अनुसार, भूकंप का केंद्र जमीन की सतह से 5 किमी. अंदर था। जिसमे वर्तमान समय में किसी प्रकार की क्षति की सूचना प्राप्त नहीं हुई है। जनपद में कुशलता है।

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उत्तरकाशी में आज शुक्रवार सुबह करीब 9 बजकर 29 मिनट पर फिर भूकंप का झटका महसूस किया गया। छह दिन में नौ बार भूकंप के झटकों से लोग डरे सहमे हैं। उत्तरकाशी जनपद मुख्यालय में गुरुवार शाम को भी भूकंप के झटके महसूस हुए थे। झटका आते ही लोग अपने घरों, दफ्तरों और दुकानों से बाहर निकल आए। छह दिन के भीतर लगातार आ रहे भूकंप के झटकों से लोग दहशत में हैं।

शुक्रवार सुबह आए भूकंप की तीव्रता 2.07 रही। किसी भी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है। वहीं गुरुवार को जनपद मुख्यालय और आसपास के क्षेत्रों में शाम 7:31 बजे भूकंप का झटका महसूस किया गया।

ससे लोग दहशत में आ गए हैं। जिला आपदा कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार यह भूकंप रिक्टर स्केल पर 2.7 मापा गया है। तो वहीं इसका केंद्र तहसील बड़कोट के सरुताल झील, फुच-कंडी, यमुनोत्री रेंज वन क्षेत्र में था।

बता दें कि छह दिनों में जनपद मुख्यालय में भूकंप का यह नौवां झटका महसूस किया गया है। इससे पहले बीती 24 और 25 जनवरी को भी दो दिन के भीतर झटके महसूस किए गए है। इस दौरान वरुणावत पर्वत के भूस्खलन जोन से मलबा और पत्थर गिरे थे। यह झटके भी 3 और 2 रिक्टर स्केल पर मापे गए थे।

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उत्तरकाशी जनपद मुख्यालय में गुरुवार शाम को फिर भूकंप के झटके महसूस हुए। झटका आते ही लोग अपने घरों, दफ्तरों और दुकानों से बाहर निकल आए। पांच दिन के भीतर लगातार आ रहे भूकंप के झटकों से लोग दहशत में हैं।

जनपद मुख्यालय और आसपास के क्षेत्रों में शाम 7:31 बजे भूकंप का झटका महसूस किया गया। इससे लोग दहशत में आ गए हैं। जिला आपदा कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार यह भूकंप 2.7 रिक्टर स्केल पर मापा गया है। तो वहीं इसका केंद्र तहसील बड़कोट के सरुताल झील, फुच-कंडी, यमुनोत्री रेंज वन क्षेत्र में था।

बता दें कि पांच दिनों में जनपद मुख्यालय में भूकंप का यह आठवां झटका महसूस किया गया है। इससे पहले बीती 24 और 25 जनवरी को भी दो दिन के भीतर झटके महसूस किए गए है। इस दौरान वरुणावत पर्वत के भूस्खलन जोन से मलबा और पत्थर गिरे थे। यह झटके भी 3 और 2 रिक्टर स्केल पर मापे गए थे।

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उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद मुख्यालय में आज दोपहर फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप महसूस होते ही लोग दहशत में घरों और दुकानों से बाहर निकल आए। एक सप्ताह में तीन दिन लगातार आए झटकों से लोगों में दहशत का माहौल है।

जानकारी के अनुसार, दोपकर करीब 3:28 बजे भूकंप का झटका महसूस हुआ। भूकंप की तीव्रता रिएक्टर स्केल पर  2.7 मापी गई। इसका केंद्र अस्सी गंगा के कफलों में धरती से पांच किमी नीचे था ।

इस महीने पांच बार आ चुका भूकंप

उत्तरकाशी में शु्क्रवार को तीन बार भूंकप के झटके महसूस किए गए थे। इस महीने राज्य की बात करें तो बागेश्वर जिले में भी भूंकप आ चुका है। पिछले महीने भी राज्य में भूंकप के झटके महसूस किए गए थे।

नेशनल सेंटर फार सिस्मोलॉजी के अनुसार उत्तरकाशी में सुबह 7:41 पर भूकंप आया था। इसकी तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 2.7 थी, इसके कुछ देर बात 8:19 पर फिर झटका महसूस किया गया। इस बार तीव्रता 3.5 रिएक्टर स्केल पर महसूस की गई। स्थानीय लोगों के अनुसार पौने ग्यारह बजे भी झटके महसूस किए गए थे। इन झटकों से लोगों में भय व्याप्त हो गया।इस महीने की बात करें तो राज्य में बागेश्वर में 10 जनवरी को रात एक बजे के बाद भूंकप आया था, उसकी तीव्रता 2.2 थी। आज उत्तरकाशी में फिर भूकंप महसूस हुआ।

पिछले महीने भी पांच बार आ चुका भूंकप
राज्य में पिछले महीने भी कई भूंकप आ चुके हैं। नेशनल सेंटर फार सिस्मोलॉजी ने पिछले महीने आए भूंकप को लेकर रिपोर्ट तैयार की है। उसमें बताया गया कि दिसंबर के महीने में देश में 44 भूंकप आया। इसमें सर्वाधिक मणिपुर में छह और उसके बाद उत्तराखंड और असम में पांच-पांच आए।

क्यों आता है भूकंप?

पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।
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