पर्वतारोहण, आपदा प्रबंधन तथा व्यक्तित्व विकास के क्षेत्र में छात्रों को स्वर्णिम भविष्य के लिए पर्यटन अध्ययन विभाग राजकीय महाविद्यालय नरेंद्र नगर के सौजन्य से कृत्रिम रॉक का निर्माण किया गया है।
विदित हो कि धर्मानंद उनियाल राजकीय महाविद्यालय की पर्यटन अध्ययन विभाग द्वारा साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाओं को देखते हुए कॉलेज परिसर में प्रशिक्षण के लिए कृत्रिम रॉक का निर्माण किया गया है। रॉक क्लाइंबिंग के प्रदर्शनात्मक ट्रायल के रूप में कॉलेज के छात्रों और अध्यापकों तथा कर्मचारियों द्वारा माउंट क्राफ्ट देहरादून के प्रशिक्षक दीपेश और मोनू द्वारा रॉक क्लाइंबिंग का प्रशिक्षण दिया गया।
प्रशिक्षण की शुरुआत में क्लाइंबर इंस्ट्रक्टर मोनू तथा दीपेश द्वारा सीट हार्नेस, बेल्ट बांधने तथा स्क्रू गेट, ब्लेयर, क्लाइंबर रोप, कैरेबिनर, डिसेंडर, फिगर ऑफ एट से रस्सी के सहारे क्लाइंबर को नियंत्रित करने के गुर सिखाए। साथ ही बताया क्लाइंबर को अपने दोनों हाथ तथा दोनो पैर को वाल के चार होल्डिंग पॉइंट्स में 1 पॉइंट को फ्री रखकर क्लाइंब करना चाहिए।
पर्यटन विभाग के प्रभारी डॉक्टर संजय महर ने बताया की कॉलेज परिसर में कृत्रिम रॉक बन जाने से छात्रों के प्रशिक्षण, आपदा प्रबंधन, साहसिक खेलों में निपुणता के साथ-साथ व्यक्तित्व विकास, शारीरिक एवं मानसिक क्षमता के संवर्धन में नए प्रतिमान स्थापित होंगे।
रुसा परियोजना द्वारा वित्त पौषित निर्मित 20 मीटर ऊंची तथा 5 मीटर चौड़ी इस कृत्रिम बॉल का निर्माण माउंट क्राफ्ट देहरादून के प्रबंधक विभु पुरी द्वारा किया गया। उन्होंने बताया कि इस वाल पर 05 क्लाइंबर एक साथ क्लाइंब कर सकते हैं।
इसके लिए वॉल पर रंगीन एवं आकर्षक होल्डर्स फिट किए गए हैं। विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित हिमगंगा एडवेंचर के प्रबंधक धर्मेंद्र नेगी ने बताया कि आपदा प्रबंधन तथा साहसिक खेलों में छात्रों के प्रशिक्षण हेतु राजकीय महाविद्यालय में निर्मित यह रॉक क्लाइंबिंग वाल मील का पत्थर साबित होगी।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ0 उमेश मैठाणी की उपस्थिति में रॉक क्लाइंबिंग के ट्रायल प्रदर्शन में छात्र अनिल पुंडीर, भीम सिंह, प्रियंका, राजेंद्र, कृष्णा एवं पर्यटन विभाग के डॉ0 विजय भट्ट, शिशुपाल रावत, डॉ0 विक्रम बर्तवाल, विशाल त्यागी, डॉ0 हिमांशु जोशी, कॉलेज के अन्य प्राध्यापक गण, कर्मचारी आदि ने विशेष रूप से प्रतिभाग किया।