सीएम पुष्कर सिंह धामी आज टिहरी जिले में आपदा प्रभावित क्षेत्र घूतु पहुंचे। यहां वह आपदा पीड़ित दुर्गा देवी से मिले। इस दाैरान वह भावुक हो गए। उन्होंने क्षेत्र के पीड़ितों को हर संभव मदद का आश्वान दिया। सीएम धामी ने कहा कि जिला प्रशासन को कहा गया है कि आसपास के क्षेत्रों का आकलन करें। प्रभावितों की हर संभव मदद की जाए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को जनपद टिहरी क्षेत्रांतर्गत घुत्तू-पंजा-देवलिंग टिहरी पहुंचकर आपदा प्रभावित क्षेत्र में चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने मलेथी में आपदा प्रभावित परिवार श्रीमती दुर्गा देवी पत्नी विशाल मणि से मुलाकात कर हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि घुत्तू में अतिवृष्टि/बादल फटने से काफी नुकसान हुआ है। कई मकान और मवेशी आपदा की जद में आए हैं। उन्होंने जिला प्रशासन को आपदा प्रभावितों को तत्काल सहायता देने, आपदा संभावित क्षेत्रों में आपदा क्षति का आंकलन करने तथा आपदा से क्षतिग्रस्त पुनर्निर्माण के कार्यों को तत्काल करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पुनर्निर्माण कार्यों के लिए धन की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी, आपदा से हुए नुकसान की भरपाई जल्द से जल्द करने के प्रयास किए जाएंगे। ग्रामीणों की शिकायत पर घुत्तू हाइड्रो पॉवर से मकानों को हो रहे नुकसान को लेकर मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को पुनः परीक्षण करवाने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि 21 अगस्त की रात्रि को हुई अतिवृष्टि से तहसील घनसाली क्षेत्रांतर्गत घुत्तू क्षेत्र में 29 भवनों को क्षति पहुंची है, जिसमें 06 भवन पूर्ण क्षतिग्रस्त तथा 23 भवन आंशिक क्षतिग्रस्त हुए हैं। अभी तक लगभग 09 क्षतिग्रस्त मकानों का 10 लाख से अधिक की धनराशि नियमानुसार अहेतुक एवं मकान क्षति के रूप में दी जा चुकी है। आंशिक क्षति भवनों के लगभग 20 परिवारों के लोगों को सुरक्षा के दृष्टिगत आपदा राहत शिविरों में रखा गया है, जिनके लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही है। उन्होंने कहा कि स्थिति सामान्य होने पर यदि कुछ गांवों के विस्थापन की जरूरत होगी तो नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जाएगी या जो किराए के घरों में जाना चाहेगा नियमानुसार किराया दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि आपदा से 17 पशु हानि हुई है, जिसमें नियमनुसार आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। लगभग 24 पेयजल लाइनों को क्षति पहुंची है। इसके साथ ही विद्युत लाइनों, सड़क, पुलिया आदि अन्य परिसंपत्तियों को काफी नुकसान पहुंचा है। अभी तक 450 परिवारों की कृषि क्षति का आंकलन कर लिया गया है। 03-04 गांव का सड़क मार्ग से संपर्क कट चुका है, जिनके सुचारू करने की कार्यवाही गतिमान है।
जिलाधिकारी ने बताया कि आपदा से मलेथी, चंदला, गवाणा मल्ला, गवाणा तल्ला, कैलबागी, देवलंग, जोगियाणा, गंगेरी, चक्रगांव, मलेथा, रानीढांग, पंजा, मेंडू सिंधवाल, सांकरी, लोम, समणगांव, मिसवाली, भाट्गांव, अंकवाण गांव, रैतगांव, भेलुन्ता आदि कई गांवों में काफी नुकसान हुआ है।
इस मौके पर विधायक घनसाली शक्ति लाल शाह, एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर, एसडीएम अपूर्वा सिंह, डीएसओ मनोज डोभाल, अधिशासी अभियंता विद्युत अमित आनंद, अधिशासी अभियंता लोनिवि घनसाली दिनेश नौटियाल, अधिशासी अभियंता पेयजल निगम के एन सेमवाल, अधिशासी अभियंता पीएमजीएसवाई पवन कुमार सहित जनप्रति निधि, ग्रामीण मौजूद रहे।
बता दें कि भिलंगना ब्लाक के घुत्तू क्षेत्र में हुई अतिवृष्टि से कई गांवों में भारी नुकसान हुआ है। तेज बारिश में किसी अनहोनी की आशंका में रतजगा कर रहे ग्रामीणों ने समय रहते अपने घर छोड़ दिए जिससे जनहानि होने से बच गई। मलबे के सैलाब के बीच लोगों को अपनी जान बचाने के लिए रात को अंधेरे में घर छोड़कर भागना पड़ा। लेकिन कमरों में बंधे करीब 16 गौवंश की मलबे में दबकर मौत हो गई। जबकि नौ आवासीय मकान पूर्ण और कई आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं।
भिलंग पट्टी में मंगलवार रात को हुई तेज बारिश से तबाही मच गई। लोग बुधवार सुबह तक बारिश थमने का इंतजार करते रहे। जगह-जगह हुए भूस्खलन और उफान पर आए गाड-गदेरों में आए मलबे की चपेट में आने से कई आवासीय मकान तबाह हो गए। अतिवृष्टि से आए मलबे से जोगियाड़ा गांव की धनपति देवी पत्नी चैत सिंह का चार कमरों का मकान, रसोईघर और शौचालय ध्वस्त हो गया है। इसी उनके मकान के ऊपर भारीभरकम एक पेड़ भी टूट कर गिर गया।
धनपति ने बेटी रेशमा के साथ भागकर जान बचाई। इसी गांव में सौणी देवी का पांच कमरों का मकान ध्वस्त हो गया। उनकी गौशाला में बंधी दो गाय और एक बछड़़ा मलबे में दब गया। वहां धनपाल सिंह गौशाला में बंधे दो बछड़े भी मलबे में दबकर मर गए। गांव के केदार सिंह, रणजीत सिंंह का मकान भी क्षतिग्रस्त हो गया। खतरे को देखते हुए कुंवर देई, रोशनी देवी, सब्बल सिंह, गोविंद सिंह, नत्थी सिंह, गोपाल सिंह, रणवीर सिंह, बाल सिंह, विजय सिंह, महेंद्र सिंह को भी अपने घर छोडऩे पड़े हैं।
सभी प्रभावित अपनी रिश्तेदारी में चले गए हैं। मेंडू -सिंधवाल गांव में चंद्रभूषण की चार दुकानें क्षतिग्रस्त हो गई। गांव के प्रधान कुंवर सिंह ने बताया कि अतिवृष्टि से मेडू-सिंधवाल-कैलबागी का मोटर पुल भी ध्वस्त हो गया। नुकसान का जायजा लेने क्षेत्र में पहुंची ब्लाक प्रमुख वसुमति घणाता, जिला पंचायत सदस्य सीता देवी, आनंद बिष्ट, केदार बर्तवाल, रुकम लाल, राजेंद्र सजवाण ने क्षेत्र में यातायात, बिजली और पानी की आपूर्ति जल्द बहाल करने की मांग की है।
मलेथा गांव में गुणानंद, राजेश प्रसाद, अनुज का मकान ध्वस्त हो गया। गांव के सुरेश प्रसाद और देवानंद के घरों को भूस्खलन का खतरा बना हुआ है। खतरे को देखते हुए गांव के 10 परिवारों को प्राथमिक स्कूल मलेथा ने शिफ्ट किया गया है। समन गांव में राजेंद्र प्रसाद का मकान भी ध्वस्त हो गया। बताया गया कि वह दो दिन पहले ही दूसरी जगह शिव मंदिर में रुद्री पाठ कराने गए थे। घुत्तु के रानीडांग में कमल सिंह की छत पर भी मलबा आया है, लेकिन उन्होंने घर नहीं छोड़ा।
इस गांव के अन्य चार परिवारों के मकान भी खतरे की जद में आने के कारण उन्हें नव जीवन आश्रम इंटर कालेज में शिफ्ट किया गया है। गवाना गांव में हयात सिंह और जसपाल सिंह की गौशाला में बंधी बंधी तीन गाय मलबे में दब गई। सांकरी गांव में भी चार परिवारों के घरों में मालबा भर गया था, लेकिन उन्होंने अभी तक अपने घर नहीं छोड़े। सटियाला गांव में खेतों में उगी फसल, पेयजल लाइन, संपर्क मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए। भाट गांव, अंकवान गांव, कैलबागी में भी भूस्खलन से फसलों को काफी नुकसान हुआ है।