मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पतंजलि सभागार में ‘युवा धर्म संसद’ के उद्घाटन समारोह में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि देश की युवा शक्ति को राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देने के लिए अवश्य ही यह कार्यक्रम प्रेरित करेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पतंजलि ऑडिटोरिम पहुंचकर युवा धर्म संसद कार्यक्रम का शुभारंभ किया। सीएम ने कहा कि यह संसद निष्ठावान और जागरूक नागरिकों के निर्माण का कार्य करती है। आज का युवा देश के प्रति जिम्मेदार भी है और कर्तव्य परायण भी। यह धर्म संसद विकसित राष्ट्र के निर्माण में मील का पत्थर साबित होगी।
उन्होंने कहा कि कोई भी राष्ट्र आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक रूप से तब तक विकसित नहीं हो सकता जब तक वहां की युवाशक्ति संगठित तथा आत्मनिर्भर व राष्ट्रवाद की भावना से प्रेरित न हो। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जिस प्रकार इंजन को चालू करने के लिए ईंधन की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार राष्ट्र की प्रगति सुनिश्चित करने के लिए युवा शक्ति की ताकत, उनकी रचनात्मक सोच और प्रतिभा की आवश्यकता होती है।
सीएम ने कहा कि आज भारत एक युवा देश के रूप में जाना जाता है और अगर देश के युवा सही दिशा में कार्य करेंगे तो निश्चित ही हमारा देश पुनः विश्व गुरू के पद पर आसीन होगा। उन्होंने कहा कि देश को विश्व गुरू बनाने तथा वर्ष 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए युवाओं को अपने कन्धों पर जिम्मेदारी लेनी होगी। उन्होंने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि सकारात्मक सोच के साथ अपनी रूचि के अनुसार कार्य क्षेत्र का चुनाव करें और यह स्मरण रहे कि राष्ट्र प्रथम। इस अवसर पर महासचिव श्रीरा जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अयोध्या महासचिव चम्पत राय, सिद्धपीठ श्री हनुमन्निवास अयोध्या आचार्य मिथिलेश ननिदनी शरण जी महाराज, बाबा रामदेव भी उपस्थित थे।
हरिद्वार में आयोजित युवा धर्म संसद में सम्मिलित होकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने युवाओं से संवाद किया और उपस्थित साधु-संतों का स्नेहिल आशीर्वाद प्राप्त किया। कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि इस धर्म संसद में हुए विचार मंथन से जो अमृत-तुल्य निष्कर्ष निकलेंगे, वे भारतीय संस्कृति के प्रति युवाओं में नवचेतना, नवोन्मेष और अखंडता का संचार करेंगे।
सीएम धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सशक्त नेतृत्व में आज भारतीय संस्कृति का गौरवशाली परचम पूरे विश्व में लहरा रहा है। हमारी सरकार भी देवभूमि उत्तराखण्ड में धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों को सहेजने व समृद्ध बनाने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।