उत्तराखंड में “संजीवनी” जरूरतमंद के लिए बन रही “मददगार”
-राज्य के 13 में से 11 जिलों में संजीवनी बांट चुकी 500 से ज्यादा कंबल और गर्म कपड़े
-चकराता क्षेत्र के दुर्गम इलाकों के 7 गांव में संजीवनी ने बांटी राशन किट और गर्म कपड़े
देहरादून। उत्तराखण्ड में सिविल सर्विसेज ऑफिसर्स वाइव्स एसोशिएशन ‘संजीवनी’ बेसहारा और जरूरतमंद के लिए मददगार बन रही हैं। संजीवनी ठंड से ठिठुर रहे गरीब एवं जरूरतमंद लोगों को गर्म कपड़े, कंबल और राशन किट दे रही है। इस सीजन में अब तक राज्य के 13 में से 11 जिलों में संजीवनी की मदद जरूरतमंद तक पहुंच चुकी हैं।इस अभियान के तहत गत दिवस संजीवनी की टीम देहरादून के दुर्गम इलाके चकराता पहुंची। जहां संजीवनी ने 7 गांव में 75 से ज्यादा परिवारों को जरूरत के हिसाब से मदद बांटी।
उत्तराखंड में आपदा हो या फिर कोई दूसरी विपदा। संजीवनी की मदद हर बार तैयार रहती हैं। खासकर महिलाओं, बच्चों और जरूरतमंद बुजुर्गों को लेकर संजीवनी की संवेदनशीलता हर जिले में देखने को मिलती है। खासकर ठंड के सीजन में संजीवनी की मदद पहाड़ से लेकर मैदानी जिलों तक हर साल जरूरतमंदों तक पहुंचती है। इस साल अब तक संजीवनी ने 11 जिलों में जरूरत के हिसाब से गर्म कपड़े, राशन, कंबल, दवा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं को पहुंचाया है। अपने अभियान के तहत गत दिवस संजीवनी की टीम चकराता के टिपऊ, मलऊ , धिरोग, चंदऊ , सुपऊ, किसऊ, सुनऊ आदि गांव पहुंची। यहां संजीवनी की तरफ से जरूरतमंद लोगों को ठंड से बचने को कंबल, जैकेट, गर्म कपड़ों के अलावा राशन सामग्री वितरित की गई।
इस दौरान संजीवनी की अध्यक्ष डॉ हरलीन संधू के साथ रश्मि बर्धन, शालिनी शाह, रजनी तोमर, निर्मला सेमवाल, अंजली सिन्हा आदि सदस्यों और पदाधिकारियों ने जरूरतमंद का हाल जाना और उनको जरूरत के हिसाब से राशन और गर्म कपड़े दिए। इस दौरान बताया गया कि अलग अलग स्थानों पर 500 से ज्यादा कंबल का वितरण के साथ 75 किट राशन सामग्री का वितरण भी किया जा चुका है। संजीवनी राशन किट में सोयाबीन, चाय, चीनी, गुड़, उड़द की दाल और सरसों का तेल जैसी जरूरी सामग्री बांट रही है। आगे भी संजीवनी जरूरतमंदों की मदद को अपना अभियान जारी रखेगी।
चश्मे बांटने की योजना
चकराता क्षेत्र में बड़ी संख्या में बुजुर्ग और गरीब बच्चों की नेत्र समस्या मिलने पर संजीवनी ने डॉक्टरों से चेकअप और परामर्श के बाद चश्मे वितरित करने का निर्णय लिया है। साथ ही क्षेत्र में बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों के लिए विशेष स्वास्थ्य शिविर में आयोजित करने का निर्णय लिया है।