शिवरात्रि पर अलकनंदा नदी में नहाने पहुंचे दो छात्रों की डूब कर मौत हो गई, जबकि एक छात्र किसी तरह डूबने से बच गया। बेहोशी की हालत में उसे तत्काल बेस अस्पताल ले जाकर उपचार दिया गया। जहां उसकी स्थिति खतरे से बाहर है। मृतकों में से एक गढ़वाल विवि में बीटेक प्रथम वर्ष का छात्र है, जबकि एक सीयूईटी की तैयारी के लिए आया था।
बुधवार को चौरास पुल रोड से कुछ दूर पर सरस्वती विद्या मंदिर के निकट अलकनंदा नदी में सुबह साढ़े ग्यारह बजे के करीब चार छात्र नहाने गए थे। इसी दौरान तीन छात्र अचानक गहरे पानी में जाने से डूबने लगे। किसी तरह दिव्यांशु यादव (20) पुत्र संजय निवासी मऊ, वाराणसी यूपी किसी तरह नदी से बाहर आ गया, लेकिन दो अन्य गहरे पानी में डूब गए। यह सूचना अन्य छात्रों व पुलिस को मिलने पर तत्काल दिव्यांशु को बेहोशी की हालत में बेस अस्पताल पहुंचाया गया।
कोतवाली के एसएसआई कुंवर राम आर्य ने बताया कि छात्र चौरास स्थित सरस्वती विद्या मंदिर के पास नदी में नहाने गए थे। तीन छात्रों के नदी में डूबने की सूचना उनके साथी कुणाल ने कीर्तिनगर पुलिस को दी। एसडीआरफ, 40 पीएसी पौड़ी तथा कीर्तिनगर पुलिस ने संयुक्त रूप से सर्च अभियान चलाया। बारी-बारी से तीनों को गहरे पानी से बाहर निकालकर 108 सेवा के माध्यम से बेस अस्पताल पहुंचाया गया। जहां दो युवकों को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। मृतकों में हर्षब्रज कौशिक (20) पुत्र राजेंद्र चंद्र निवासी छपरा मीनापुर मुज्जफरपुर बिहार तथा आयुष राज (21) पुत्र संजय कुमार ठाकुर निवासी जजुआरा मुज्जफरपुर बिहार शामिल हैं। हर्षब्रज कौशिक गढ़वाल विवि में बीटेक प्रथम वर्ष का छात्र था, जबकि आयुष सीयूईटी की तैयारी के लिए हर्ष के साथ यहां आया था। बताया जा रहा है कि दोनों रिश्ते में भाई हैं और मंगलवार को ही घर से यहां आए थे।
गहरे पानी में पैर फंसने से हुआ हादसा
अलकनंदा नदी में नहाने के दौरान हुए हादसे का कारण अचानक गहरे पानी में पैर फंसना बताया जा रहा है। घटना में सुरक्षित बचे गढ़वाल विवि में बीटेक के छात्र दिव्यांशु ने बताया कि छुट्टी का दिन होने के कारण सभी दोस्तों ने अलकनंदा नहाने का मन बनाया। तीनों हाथ पकड़ अलकनंदा नदी किनारे जैसे ही पानी में उतरे वहां पर घुटनों तक पानी था, लेकिन अचानक बढ़ने पर वह गहरे पानी में डूबने लगे। इसी दौरान उनके हाथ छूट गए। सिर के ऊपर तक पानी आने पर वह घबरा गए। उन्होंने बताया कि किसी तरह वह हाथ-पैर मारकर किनारे पहुंचे तो बेहोश हो गए। अस्पताल में भर्ती दिव्यांशु को सायं साढ़े पांच बजे तक अन्य दोस्तों के मौत होने की सूचना भी नहीं मिल पाई थी। वह घबराया हुआ सबसे यही पूछने पर लगा था कि अन्य दोस्त सही सलामत हैं या नहीं।
विवि कुलपति व अन्य अधिकारियों ने जताया दु:ख
सूचना मिलते ही विवि के शिक्षक, छात्र व छात्रसंघ पदाधिकारी अलकनंदा किनारे व अस्पताल पहुंचे। इस दौरान कुलपति प्रो. एमएसएस रौथाण ने इस घटना पर गहरा दु:ख जताया। छात्रसंघ अध्यक्ष जसवंत सिंह राणा ने कहा कि शिवरात्रि के दिन हुई इस घटना से समस्त छात्रों, शिक्षकों कर्मचारियों में शोक है।
छात्रों को बाहर निकालने में किया सहयोग
अलकनंदा नदी में छात्रों के डूबने की सूचना मिलते ही स्थानीय युवा व गोताखोर अमजद, खालिद, युनूस और संदीप तत्काल घटनास्थल पर पहुंचे। देरी न करते हुए वह सीधे नदी में उतर गए। उन्होंने पुलिस टीम के साथ डूबे छात्रों को खोजने में मशक्कत की। आखिर पुलिस के साथ ही इन युवाओं को डूबे हुए छात्रों को बाहर निकालने में सफलता मिली।