– धनतेरस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दी थी राज्य को सौगात
इस वर्ष धनतेरस पर 29 अक्टूबर को शुरू हुई देश की पहली हेली एम्बुलेंस मेडिकल सेवा ’संजीवनी’ द्वारा अभी तक कई लोगों का जीवन बचाया जा चुका है। चौबीस घन्टे कार्य करने वाले टोल फ्री नंबर 18001804278 पर फोन करके आसानी से इस सेवा का लाभ लिया जा सकता है। इसके अलावा संस्थान ने अब एक वाट्स एप नम्बर भी जारी किया है, जिसमें संबन्धित रोगी की डिटेल भी भेजी जा सकेगी।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स ऋषिकेश) की हेली एंबुलेंस मेडिकल सेवा 29 अक्टूबर 2024 को शुरू हुई थी। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से इसका उद्घाटन कर धनवन्तरी दिवस के अवसर पर उत्तराखंड राज्यवासियों को यह सौगात प्रदान की थी। तब से यह सेवा अपने नाम ’संजीवनी’ के अनुरूप जीवन बचाने को संकट में फंसे कई लोगों को संजीवनी दे चुकी है। उल्लेखनीय है कि एरो मेडिकल सर्विस के तहत हेली एंबुलेंस मेडिकल सेवा वाला एम्स ऋषिकेश देश का पहला सरकारी स्वास्थ्य संस्थान है। केंद्र व राज्य सरकार की साझेदारी से संचालित की जा रही इस सेवा के लिए टोल फ्री नम्बर 18001804278 जारी किया गया है।
हेली एयर एम्बुलेंस मेडिकल सेवा के नोडल अधिकारी डाॅ. मधुर उनियाल ने बताया कि राज्य के दूर-दराज के इलाकों में स्वास्थ्य कारणों के चलते आपात स्थिति में फंसे व्यक्ति की मेडिकल रिपोर्ट को देखने अथवा अन्य जानकारियां प्राप्त करने के लिए अब वाट्स एप नम्बर 9084670331 भी जारी कर दिया गया है। इस नम्बर पर संबन्धित व्यक्ति की विभिन्न मेडिकल हिस्ट्री अथवा रिपोर्टों को भेजा जा सकता है। संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने कहा कि इस सेवा से हम अधिकाधिक लोगों को जीवनदान देने की भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि संबन्धित क्षेत्र के जिलाधिकारी अथवा जिला चिकित्सा अधिकारी के माध्यम से भी इस सेवा का लाभ उठाया जा सकता है।
किसे मिलेगी हेली एम्बुलेंस ?
ऋषिकेश। हेली एम्बुलेंस मेडिकल सेवा के नोडल अधिकारी डाॅ. मधुर उनियाल के अनुसार राज्य के पहाड़ी जनपदों के दूर-दराज के इलाकों के ऐसे लोगों, जो किसी दुर्घटना का शिकार होने के कारण गंभीर अवस्था में हों, प्रसव न हो पाने की स्थिति में संकटग्रस्त गर्भवती महिला, ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक वाले व्यक्ति, पहाड़ी से नीचे गिरने के कारण गंभीर रूप से घायल व्यक्ति, किसी जंगली जानवर या व्यक्ति द्वारा किए गए हमले में गंभीर रूप से घायल व्यक्ति, उच्च हिमालयी क्षेत्रों की विषम भौगोलिक स्थिति के कारण मौसम या अन्य कारणों से संकट में फंसे व्यक्ति और जिस किसी भी वजह से अंग भंग होने या जीवन बचाने की जद्दोजहद झेल रहे व्यक्ति को एम्स पहुंचाने के लिए इस सेवा का उपयोग किया जा सकता है।