धराली और हर्षिल आपदा में मिलने वाले शवों की शिनाख्त अब डीएनए टेस्ट से की जाएगी। आपदा को आए करीब 14 दिन बीत गए हैं इसमें एक शव पहले मिला था और एक सोमवार को भागीरथी नदी में मिला। उसकी पहचान के लिए डीएनए टेस्ट की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
धराली हर्षिल आपदा के दौरान सेना के नौ जवानों के साथ ही करीब 68 लोग लापता हो गए थे। उसमें से एक शव आपदा के दूसरे दिन ही मलबे में बरामद किया गया। उसके बाद सोमवार को हर्षिल से करीब तीन किमी दूरी पर झाला में एक शव क्षतविक्षत अवस्था में मिला। उसकी शिनाख्त नहीं हो पाई है लेकिन उसके शरीर पर मिले कपड़ों से उसके सेना के जवान होने की आशंका जताई जा रही है।
अब धराली और हर्षिल में खीर गंगा और तेलगाड से आए करीब 15 से 20 फीट मलबे में दबे शव मिलने की उम्मीद कम लग रही है। फिर भी शवों को ढूंढने के लिए एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, सेना की ओर से लगातार सर्च अभियान चलाया जा रहा है।
आपदा प्रभावित क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी एसीएमओ डॉ. कुलवीर राणा ने बताया कि अब जो भी शव आपदा प्रभावित क्षेत्रों में मिलेंगे। उनकी शिनाख्त डीएनए टेस्ट के माध्यम से की जाएगी। उल्लेखनीय है कि केदारनाथ आपदा के बाद से लापता लोगों का जब शव नहीं मिलता है। तो उनके संबंधित थाने से मिली सूचना और मिलान के बाद उन्हें 15 दिन बाद मृतक घोषित किया जाता है।