रेस्क्यू के दौरान हर्षिल से करीब तीन किमी आगे आज सोमवार को एक शव मिला है। शव सेना का जवान बताया जा रहा है। आपदा के करीब 14 दिन बाद झाला के पास नदी में शव मिला। अब तक धराली हर्षिल आपदा में दो शव मिले हैं।
बीते पांच अगस्त को पानी के साथ बह कर आए मलबे में आठ से दस फीट नीचे तक होटल और लोग दबे हुए हैं। इसकी जानकारी एनडीआरएफ की ओर से प्रयोग की गई ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार (जीपीआर) के माध्यम से मिली है। इसके प्रयोग से मिलने वाले तत्वों के आधार पर ही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ धराली में मलबे के ऊपर खुदाई कर रही है।
एनडीआरएफ की ओर से धराली में मलबे में दबे लोगों को ढूंढने के लिए ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार का प्रयोग किया जा रहा है। इससे इलेक्ट्रिकल डिटेक्टर वेब किसी मलबे में करीब 40 मीटर नीचे तक दबे किसी भी तत्व की जानकारी बताता है।
जीपीआर से मिले संकेतों पर खुदाई की जा रही
एनडीआरएफ के असिस्टेंट कमांडेंट आरएस धपोला ने बताया कि इसकी मदद से जो तस्वीरें सामने आई हैं, उससे यह जानकारी मिली है कि धराली में आपदा प्रभावित क्षेत्र में करीब आठ से 10 फीट नीचे होटल और लोग दबे हुए हैं। कुछ स्थानों पर जीपीआर से मिले संकेतों पर खुदाई की जा रही है।
कुछ दिन पहले दो खच्चरों और एक गाय के शव भी मिले थे। आपदा प्रभावित क्षेत्र को चार सेक्टर में बांट कर मलबे में दबे लोगों की तलाश की जा रही है। इसमें दो सेक्टर में एनडीआरएफ और दो में एसडीआरएफ की ओर से कार्य किया जा रहा है।