प्रदेश के चंपावत, ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार जनपद ऋण-जमा अनुपात में सबसे आगे हैं। जबकि, बागेश्वर, पौड़ी व अल्मोड़ा जिले इस मामले में पिछड़े हैं। ऋण-जमा अनुपात से अंदाजा लगाया जा सकता है बैंकों ने जमा राशि के सापेक्ष कितना ऋण वितरित किया। प्रदेश में शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक शाखाएं अधिक हैं। प्रदेश में विभिन्न बैंकों की कुल 2,572 शाखाएं संचालित हैं।
आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में स्थापित बैंक शाखाओं के नेटवर्क में 47.12 प्रतिशत बैंक शाखाएं ग्रामीण क्षेत्रों में है। वहीं, 23.72 प्रतिशत बैंक शाखाएं अर्धशहरी क्षेत्रों व 29.16 प्रतिशत शहरी क्षेत्रों में है। ऋण वितरण के लिए भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से छह मानक तय किए हैं। इनमें प्राथमिक क्षेत्र, कृषि ऋण, कमजोर वर्ग, महिला, अंतर ब्याज दर (डीआरआई) व जमा एवं अग्रिम अनुपात शामिल हैं।