दिव्य प्रेम सेवा मिशन, (हरिद्वार) में एम्स-ऋषिकेश के कर्ण,नासा एवं कंठ शल्योपचार विभाग (ईएनटी ) के तत्वावधान में श्रवण जांच शिविर का आयोजन किया गया l जिसमें 200 स्कूली विद्यार्थियों के साथ साथ शिक्षकों की कानों की सुनने से संबंधित विकारों का गहन परीक्षण किया गया।
संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह के मार्गदर्शन में आयोजित शिविर का मुख्य उद्देश्य बच्चों व अन्य लोगों को अपने कानों की देखभाल व सुनने की क्षमता की जांच कैसे करें इसके महत्व को लेकर जागरुक करना था।
एम्स के कर्ण,नासा एवं कंठ शल्योपचार( ईएनटी) विभागाध्यक्ष प्रोफेसर मनु मल्होत्रा की देखरेख में दिव्य प्रेम सेवा मिशन,(हरिद्वार) के प्रधानाचार्य श्री उमाशंकर सिंह के सहयोग से शिविर का आयोजन किया गया l
विभागाध्यक्ष ने बताया कि इस शिविर में 200 स्कूली बच्चों के साथ-साथ शिक्षकों की श्रवण संबंधी विकारों की जांच की गई। खासकर जिन बच्चों के सुनने की क्षमता कम होती है और वह अपने शिक्षक अथवा आसपास के लोगों को अपनी बातों को समझा नहीं पाते आदि कई अन्य तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, इन समस्याओं से स्कूली बच्चों को स्थायी निदान दिलाने हेतु 5 से 10 वर्ष आयुवर्ग के बच्चों की श्रवण शक्ति की जांच की गई, जिसमें काफी संख्या में बच्चों की श्रवण शक्ति में कमी पाई गई। इस दौरान ऐसे चिह्नित बच्चों को चिकित्सकों द्वारा उचित उपचार दिया गया।
उन्होंने बताया कि शिविर में बच्चों को अपने कानों की देखभाल और सुनने की क्षमता की नियमित जांच के महत्व को लेकर जागरुक किया गया। साथ ही विशेषज्ञों ने विद्यार्थियों को अपने कानों की देख- भाल कैसे करें, क्या नहीं करना चाहिए, यदि कोई परेशानी आए तो शीघ्र विशेषज्ञ चिकित्सक से जांच कराने की सलाह आदि विषयों पर जानकारी दी और पोस्टर के माध्यम से लोगों को जागरुक किया।
चिकित्सकीय टीम की अगुवाई विभाग की सह आचार्य डॉ. मधु प्रिया और प्रबंधन सह आचार्य डॉ. अभिषेक भारद्वाज ने किया l टीम का सहयोग कर्ण,नासा एवं कंठ शल्योपचार( ईएनटी) विभाग की रेजिडेंट ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉ. श्रिया भट्टराई व डॉ. अनिल कुमार ने किया।
शिविर के आयोजन में ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ स्पीच एंड हियरिंग के आउटरीच सर्विस सेंटर,मैसूर(कर्नाटक) की ओर से सहयोग किया गया, साथ ही आउटरीच सर्विस सेंटर के ऑडियोलॉजिस्ट अक्षय परमार (श्रवण जांच विशेषज्ञ) एवं सहयोगी इंटर्न्स फातिमा जुमाना, हिबा के. एम. भी शिविर में शामिल रहे।
प्रो. मनु मल्होत्रा ने बताया कि यह शिविर विशेषरूप से समाज में बीमारी का समय से पता नहीं चल पाने से जोखिम नहीं बढ़े इसके लिए आयोजित किया गया और विभाग द्वारा ऐसे शिविर नियमिततौर पर लगाए जाएंगे जिससे लोगों की श्रवण संबंधी बीमारियों का समय पर निदान हो सके।