अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत नरेंद्र गिरि की आत्महत्या के मामले में यूपी की एसआईटी जांच में कई नए तथ्य सामने आ रहे हैं।
एसआईटी जांच के दायरे में हरिद्वार के रसूखदारों का नाम जुड़ने से हड़कंप मचा है। इनमें कई संत और नेता भी बताए जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक जमीन की डील नरेंद्र गिरि के माध्यम से हुई थी। नरेंद्र गिरि को एडवांस के रूप में पैसे भी दिए थे।
सूत्रों के मुताबिक नरेंद्र गिरि के मोबाइल कॉल डिटेल में हरिद्वार के 18 लोगों के नंबर मिले हैं। जिनसे नरेंद्र गिरी की लगातार कई बार लंबी बातें हुई। इनमें कई प्रॉपर्टी डीलर बताए जा रहे हैं। कनखल थाना क्षेत्र की कई बीघा जमीन का सौदा होना बताया जा रहा है। यूपी पुलिस की एसआईटी ने हरिद्वार पुलिस से भी इस मामले में संपर्क किया है।
अखाड़ों की संपत्ति और जमीन की डील को लेकर यूपी एसआईटी कई संतों से पूछताछ करने की तैयारी में भी जुट गई है। वहीं कुछ संत पूछताछ की बात सामने आने के बाद भूमिगत होने की तैयारी में भी हैं। बताया जा रहा है कि जमीन की डील को लेकर नरेंद्र गिरि और प्रॉपर्टी डीलरों की बीच की कड़ी हरिद्वार के कुछ प्रमुख संत बने हुए थे। जमीन के मामले में इन संतों को काफी लाभ होना था।
काफी वक्त से डील पूरी नहीं होने पर प्रॉपर्टी डीलर एडवांस दिए रुपये वापस मांग रहे थे। इसका भी नरेंद्र गिरि पर काफी दबाव था। जिसके लिए उनको इसी शुक्रवार को हरिद्वार भी आना था। लेकिन नरेंद्र गिरि की 20 सितंबर को संदिग्ध परिस्थितियों में प्रयागराज में मौत हो गई।