12.2 C
Dehradun
Sunday, December 22, 2024
Homeहमारा उत्तराखण्डलाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी : सीएम धामी ने किया अमृत...

लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी : सीएम धामी ने किया अमृत महोत्सव डिजिटल प्रदर्शनी का उद्घाटन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में आयोजित अमृत महोत्सव डिजिटल प्रदर्शनी एवं आजादी का अमृत महोत्सव सेमिनार का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने लाल बहादुर शास्त्री जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की, एवं परिसर में 22 राज्यों द्वारा लगाए गए हस्तकला स्टालों का अवलोकन किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन व प्रेरणा से “मिशन कर्मयोगी” के अन्तर्गत एवं संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के साथ समृद्ध भारतीय संस्कृति की व्यापक स्तर पर प्रचारित-प्रसारित करने हेतु डिजिटल प्रदर्शनी के माध्यम से एक महत्वपूर्ण पहल की जा रही है। उन्होंने प्रशिक्षुओं को सौभाग्यशाली बताते हुए कहा कि आप लोग “आजादी का अमृत महोत्सव” वर्ष में प्रशिक्षण प्राप्त कर “मिशन कर्मयोगी” के तहत अपना काम शुरू करेंगे। उन्होनें कहा आगामी 25 वर्ष में यह देश जितना विकास करेगा, उसमें बहुत बड़ी भूमिका आप सभी अधिकारियों की होगी। भारतीय सिविल सेवकों को और भी अधिक रचनात्मक, सृजनात्मक, विचारशील, नवाचारी, अधिक क्रियाशील, प्रगतिशील, ऊर्जावान, सक्षम, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी समर्थ बनाते हुए भविष्य के लिए तैयार करना “मिशन कर्मयोगी” का मुख्य लक्ष्य है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देश की आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर हम आज उत्सव मना रहे हैं, जिसे आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने आजादी का अमृत महोत्सव नाम दिया गया है। उन्होनें कहा यह समय ना केवल इस देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर बलिदानियों को नमन करने का है बल्कि उनके सपनों को साकार करने का भी है। उन्होनें सभी स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करते हुए कहा की हम और हमारी आने वाली पीढ़ियां उनके द्वारा किए संघर्ष की सदा सर्वदा ऋणी रहेंगी। उन्होनें कहा आजादी का यह अमृत महोत्सव ना केवल उनके द्वारा किए गए त्याग को पुनः स्मरण करने का अवसर है बल्कि उनके सपनों को याद करते हुए नवीन संकल्पों को लेने का भी अवसर है। उन्होनें प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी भारत के जन-जन को कर्तव्य के लिए जागरूक करके, इस देश में बहुत बड़ा बदलाव ला सकते है। उन्होनें कहा आप सभी को इस देश के अलग अलग हिस्सों में जाकर कर्तव्य भावना का विस्तार करना है, जन-जन में कर्तव्य बोध जागृत करना है। फल या लाभ की चिंता किए बिना कर्म को कर्तव्य भाव से, सेवा भाव से करने में ही आंतरिक शांति मिलती है। बिना फल की अपेक्षा किए, ईमानदारी से अपना कर्तव्य निभाओ, इसमें यह भाव छिपा है कि यदि आप फल की इच्छा को केंद्र में रख कर किसी कर्तव्य का वहन करेंगे तो कहीं ना कहीं आप पर एक अवांछित दबाव बना रहेगा। सामाजिक लक्ष्य की प्राप्ति के लिए दो महत्वपूर्ण कारक होते हैं, पहला नेतृत्व कौशल और दूसरा कुशल प्रबंधन ।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हम अपनी सनातन संस्कृति और भारत की पुरातन पद्धतियों का उचित अध्ययन करें तो ऐसी कोई समस्या नहीं है जिसका समाधान हमारे पूर्वजों ने नहीं सुझाया है। हमारी समृद्ध संपदाओं के आधार पर तय की गई नीतियों के कारण ही आज विश्व भारत की ओर आशा भरी दृष्टि से देख रहा है । उन्होंने कहा आदरणीय प्रधानमंत्री जी का भी कथन है कि अमृतकाल के इस दौर में हमें रिफॉर्म, परफॉर्म, ट्रांसफॉर्म को अगले स्तर पर लेकर जाना है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के विभिन्न क्षेत्रों की कार्यशैली में बदलाव आया है। उन्होंने कहा आज प्रत्येक योजनाएं जमीनी स्तर पर लागू हो रही हैं एवं प्रत्येक वर्ग के ध्यान में रखकर योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक सरकार पहुंचे इसके लिए कई कार्य किए गए हैं। उन्होनें कहा हम उत्तराखंड में निरंतर गुड गवर्नेस पर फोकस कर रहे हैं और जन सरोकारी कार्यक्रमों को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होनें कहा आज भी मैं अपने को विद्यार्थी मानता हूं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमने सरलीकरण, समाधान, निस्तारिकरण एवं संतुष्टि को अपनी कार्यपद्धति का सिद्धांत बनाया है और इसी मूल मंत्र को आधार बना कर जनसमस्याओं को सुलझाया जा रहा है। उन्होनें कहा आप सभी भी आने वाले समय में सरलीकरण, समाधान, निस्तारिकरण मंत्र के साथ जन सेवा करेंगे ऐसी मैं अपेक्षा करता हूं। उन्होनें कहा हम उत्तराखंड के सतत और सर्वांगीण विकास का विकल्प रहित संकल्प लेकर आगे बढ़ रहे हैं और अपने इस संकल्प को हम समयबद्ध अवधि में निश्चित ही सिद्ध कर के दिखाएंगे। उन्होंने कहा हमारा राज्य जब अपने 25वें वर्ष में प्रवेश करेगा अर्थात रजत जयंती मनाएगा, तब यह राज्य देश के श्रेष्ठ राज्य में होगा।

सचिव गोविंद मोहन ने अपने संबोधन में कहा की हमारा उद्देश्य वर्तमान परिस्थितियों के विकास के साथ ही अपने महान वीरों के बलिदान को याद करना भी है। उन्होंने कहा विभिन्न परिस्थितियों के बावजूद हमारे देश ने विकास के नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। जो कुछ हमने हासिल किया है वह सराहनीय कार्य है। उन्होंने अगले 25 वर्ष को भारत का अमृत काल बताया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विजन अनुसार देश में 50,000 से ज्यादा कार्यक्रम आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत किए गए हैं एवं प्रत्येक 30 मिनट में एक कार्यक्रम देश में आयोजित किया जा रहा है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी के निदेशक श्रीनिवास कटिकितला, संयुक्त निदेशिका श्रीमती राधिका रस्तोगी, लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी के फैकल्टी मैम्बर्स एवं भारतीय प्रशासनिक सेवा व रॉयल भूटान सिविल सर्विसेज के 2020 व 2021 बैच के प्रशिक्षु अधिकारीगण एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

RELATED ARTICLES

Leave a reply

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

- Advertisment -

Recent Comments

error: Content is protected !!