सिद्धपीठ मां सुरकंडा देवी के भक्तों के लिए खुशखबरी है। मंदिर परिसर तक आसानी से पहुंचने के लिए पांच साल से निर्माणाधीन रोप-वे बनकर तैयार हो गया है। इस रोप-वे का ट्रायल शुरू कर दिया गया है। इस रोप-वे के बनने के बाद अब चढ़ाई चढ़ने में असमर्थ देवी भक्त आसानी से मंदिर पहुंच कर माता रानी के दर्शन कर सकेंगे।
उल्लेखनीय है कि मां सुरकंडा देवी का मंदिर 2750 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। मंदिर तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को अभी कद्दूखाल से डेढ़ किमी की चढ़ाई चढ़नी पड़ती है, जिससे दिव्यांग और बुुजुर्ग श्रद्धालुओं को मंदिर पहुंचने में एक से डेढ़ घंटे का समय लग जाता है, लेकिन रोप-वे तैयार हो जाने के बाद श्रद्धालु रोप-वे से 522 मीटर की दूरी महज पांच मिनट में तय कर मंदिर पहुंच सकेंगे। प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप में रोप-वे तैयार कर रही केआर आनंद इंफ्रा प्रोजेक्ट कंपनी के मुताबिक रो-वे का सिविल वर्क समेत लगभग सभी कार्य पूरे कर लिए गए हैं।
सभी ट्रॉलियां और ट्रांसफार्मर भी लगा दिए गए हैं। गुजरात से मंगाया गया जेनरेटर भी स्थापित कर लिया गया है। रोप-वे का ट्रायल शुरू कर दिया गया है और अब जल्द ही देवी भक्त रोपवे से पांच मिनट में मंदिर पहुंच सकेंगे।
कद्दूखाल से अब पांच मिनट में पहुंच सकेंगे मंदिर
सिद्धपीठ मां सुरकंडा देवी के दर्शन के लिए यूं तो हर माह श्रद्धालु मंदिर पहुंचते हैं, लेकिन नवरात्रि और गंगा दशहरा आदि पर्वों पर बड़ी संख्या में लोग देवी के दर्शन करने मंदिर पहुंचते हैं। मंदिर तक पहुंचने के लिए बुजुर्ग, दिव्यांग और छोटे बच्चों वाले परिवारों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था, जिससे कुछ लोग घोड़े-खच्चर पर बैठकर देवी के दर्शन करने जाते थे।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पर्यटन विभाग ने शासन में पीपीपी से रोप-वे बनाने का प्रस्ताव रखा। सरकार ने अपने 25 प्रतिशत शेयर के साथ इस प्रोजेक्ट को मंजूरी देकर 25 अक्तूबर 2016 को रोप-वे का शिलान्यास किया था। रोप-वे को चार साल में तैयार किया जाना था। लेकिन कोरोना के कारण काम समय पर पूरा नहीं हो पाया। कोरोना का कहर कम होने के बाद अब तेजी से काम किया जा रहा है।
दिनभर में चार हजार श्रद्धालु कर सकेंगे आवागमन
पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप में करीब 32 करोड़ रुपये की लागत से बनाए जा रहे सुरकंडा रोप-वे प्रोजेक्ट में छह टावरों के सहारे 16 ट्रालियों का संचालन किया जाएगा। एक ट्राली में छह लोग सवार हो सकेंगे, जिससे एक दिन में तीन से चार हजार श्रद्धालु आवागमन कर सकेंगे। बताया गया कि शुरुआती दौर में किराया 200 से 250 रुपये तक प्रति व्यक्ति रखने का प्रस्ताव है। रोपवे में पर्यटन विभाग की 25 और कंपनी की 75 फीसदी हिस्सेदारी है। कंपनी 30 साल तक रोप-वे का संचालन करेगी।
पर्यटन को भी मिलेगा बढ़ावा
सुरकंडा देवी रोपवे बनने से तीर्थाटन के साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। प्राकृतिक सौंदर्य का लुत्फ उठाने के लिए पर्यटक सालभर मसूरी, धनोल्टी, काणाताल और नई टिहरी से कोटीकालोनी बांध की झील में वोटिंग करने पहुंचते हैं। सर्दी के मौसम में धनोल्टी के साथ ही सुरकंडा क्षेत्र में खूब बर्फबारी होती है, जिससे पर्यटक बर्फबारी का लुत्फ उठाने धनोल्टी पहुंचते हैं।
रोपवे बनने से पर्यटन बर्फ से लकदक सुरकंडा की पहाड़ियों को देखने से धनोल्टी से महज सात किमी की दूरी तय कर कद्दूखाल जाने से खुद को नहीं रोक पाएंगे। श्रद्धालुओं और पर्यटकों की आमद बढ़ने से चंबा-मसूरी फलपट्टी क्षेत्र में स्थित होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा संचालक और टैक्सी चालकों का व्यवसाय भी बढ़ सकेगा।