Helicopter crash Kedarnath valley कपाट बंद होने से पहले केदारनाथ धाम में आज बड़ा हादसा हो गया। गरुड़चट्टी के पास हेलीकॉप्टर क्रैश हादसे में पायलट समेत सात लोगों की मौत हो गई। केदारनाथ में मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि खराब मौसम और घाटी में छाया कोहरा दुर्घटना का कारण बना। हेलीकॉप्टर के एमआई-26 हेलीपैड से मस्ता के लिए उड़ान भरने से पहले ही मौसम खराब होने लगा था। घाटी में चारों तरफ कोहरा छाया हुआ था। बावजूद इसके पायलट ने हेलीकॉप्टर की उड़ान भरने का जोखिम उठा लिया।
केदारनाथ से जा रहा हेलीकॉप्टर गरुड़ चट्टी में क्रैश, पायलट समेत सात यात्रियों की मौत
हेलीकॉप्टर क्रैश होते ही इतनी तेज धमाका हुआ कि वहां मौजूद लोग खौफ में आ गए। क्रैश होते ही हेलीकॉप्टर के परखच्चे उड़ गए और आग लग गई। हेलीकॉप्टर के गिरते ही शव इधर-उधर बिखर गए। हेलीकॉप्टर क्रैश होते ही इतनी तेज धमाका हुआ कि वहां मौजूद लोग खौफ में आ गए। क्रैश होते ही हेलीकॉप्टर के परखच्चे उड़ गए और आग लग गई। हेलीकॉप्टर के गिरते ही शव इधर-उधर बिखर गए।
Kedarnath Dham helicopter crash : मृतक 3-3 यात्री गुजरात और तमिलनाडु के, महाराष्ट्र के थे पायलट
समुद्रतल से 11 हजार 500 फीट से अधिक ऊंचाई वाले केदारनाथ क्षेत्र में हेलीकॉप्टर को एक संकरी घाटी से होकर गुजरना होता है। यहां हवा का दबाव अत्यधिक होने के साथ ही मौसम अचानक खराब हो जाता है। ऐसे में हल्की सी चूक हेलीकॉप्टर दुर्घटना का बड़ा कारण बन सकती है।
हेलीकॉप्टर आर्यन कंपनी था। हादसा केदारनाथ से वापस लौटते समय गरुड़चट्टी के पास हुआ। उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण के सीईओ एवं अपर सचिव सी रविशंकर ने हादसे में सात लोगों की मौत की पुष्टि की है।
सूचना मिलते ही रेस्क्यू के लिए टीम रवाना हो गई है। वहीं, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ धाम में हुए हादसे पर दुख जताया। उन्होंने मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं। बता दें कि 6 मई से शुरू हुई केदारनाथ यात्रा में इस बार हेलीकॉप्टर से पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है।
यात्रियों का उत्साह देखते हुए बरसात के मौसम में भी हेली सेवा चालू रही। आलम यह हैं कि गुप्तकाशी, फाटा, शेरसी में हेली कंपनियों के टिकट काउंटर पर सुबह से रात तक टिकट के लिए यात्रियों की भीड़ लग रही है। यही नहीं, जिन यात्रियों को टिकट मिल भी रहा है, उन्हें भी हेलीकॉप्टर में सवार होने के लिए छह से आठ घंटे या तक कि कई बार अगले दिन तक इंतजार करना पड़ रहा है।
केदारनाथ धाम के लिए वर्ष 2004 में अगस्त्यमुनि से हेलीसेवा शुरू हुई थी। तब पवनहंस कंपनी का एक हेलीकॉप्टर एक दिन में चार से छह शटल उड़ानें भरता था। वर्ष 2006 में हेली कंपनियों की संख्या चार हुई। जून 2013 की आपदा के बाद वर्ष 2014 में नौ कंपनियों के सेवाएं शुरू कीं। 2015 में 11, 2016 व 2017 में 13-13 कंपनियों के हेलीकॉप्टर उड़ान भरते रहे।