कुमाऊं क्षेत्र की चार नदियों गौला, कोसी, दाबका और शारदा में खनन का रास्ता अगले पांच साल के लिए साफ हो गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुरोध पर केंद्र के पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से पहले ही इसकी अनुमति दे दी गई थी। अब राज्य सरकार की ओर से भी विधिवत इसका आदेश जारी कर दिया गया है।
जारी आदेश के अनुसार, नैनीताल जिले के तराई पूर्व वन प्रभाग के आरक्षित वन क्षेत्र में गौला नदी में 1473 हेक्टेयर में खनन की सशर्त अनुमति दी गई है जबकि रामनगर वन प्रभाग के आरक्षित वन क्षेत्र में दाबका नदी 112 हेक्टेयर उप खनिज चुगान की अनुमति दी गई है।
इसके अलावा तराई पश्चिमी वन प्रभाग के आरक्षित वन क्षेत्र में कोसी नदी में 181 हेक्टेयर और चंपावत जिले के अंतर्गत हल्द्वानी वन प्रभाग के अंतर्गत आरक्षित वन क्षेत्र में स्थित शारदा नदी में 384.89 हेक्टेयर उप खनिज चुगान की अनुमति दी गई है।
इस संबंध में बीते माह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से मिलकर अगले पांच वर्ष के लिए अनुमति दिए जाने का अनुरोध किया था। इन नदियों में खनन क अनुमति की समय सीमा 28 फरवरी को समाप्त हो गई थी।
प्रमुख सचिव वन एवं पर्यावरण आरके सुधांशु ने बताया कि केंद्र की अनुमति के बाद उत्तराखंड वन विकास निगम को राज्य सरकार की ओर से भी खनन की अनुमति प्रदान कर दी गई है। उन्होंने बताया कि इससे अवैध खनन की रोकथाम के साथ ही राजस्व की प्राप्ति होगी और हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा।