उत्तराखंड के भाजपा विधायक महेश नेगी को पीड़िता की बच्ची के भरण पोषण भत्ते के मामले में कोर्ट में हाजिर न होने पर एक हजार रुपये जुर्माना देना होगा। अब उन्हें आठ अक्तूबर को परिवार न्यायालय में पेश होना होगा। कोर्ट ने शनिवार को इसके आदेश जारी किए हैं। इससे पहले भी विधायक नेगी कई तारीखों पर कोर्ट में हाजिर नहीं हुए हैं।
पीड़िता के अधिवक्ता एसपी सिंह ने बताया कि उनकी ओर से मार्च में बच्ची के भरण पोषण भत्ते की मांग की गई थी। इसके लिए परिवार कोर्ट में एक मुकदमा दाखिल किया गया था। इसमें विधायक महेश नेगी को अदालत कई बार हाजिर होने का मौका दे चुकी है, लेकिन विधायक एक बार भी अदालत में पेश नहीं हुए हैं।
शनिवार को भी इस मामले की सुनवाई होनी थी, मगर विधायक अदालत नहीं पहुंचे। इस पर अदालत ने उनके ऊपर एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। अब परिवार कोर्ट में विधायक महेश नेगी की पेशी आठ अक्टूबर को होनी तय की गई है।
विदित हो कि अगस्त में विधायक की पत्नी ने एक महिला पर विधायक को ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया था। इस मामले में मुकदमा नेहरू कॉलोनी में दर्ज किया गया था। इसके बाद महिला भी सामने आई और विधायक के खिलाफ दुष्कर्म की शिकायत की, लेकिन पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया।
इस पर महिला ने कोर्ट की शरण ली। कोर्ट के आदेश पर 06 सितंबर 2020 को नेहरू कॉलोनी थाने में ही विधायक के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज किया गया। विदित हो कि बच्ची के भरण पोषण के लिए महिला ने 60 हजार रुपये महीना की मांग की है। महिला की ओर से विधायक पर दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए भी एक आपराधिक मुकदमा दर्ज कराया था। इस मुकदमे की जांच महिला थाना श्रीनगर में हो रही है।