गोपेश्वर। उत्तराखंड के चमोली जिले में सोमवार को तड़के बादल फटने की घटना से भारी तबाही होने के समाचार हैं। जिले के नारायणबगड़ में तड़के बादल फटने की घटना में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के मजदूरों की करीब सात झोपड़ियां बह गईं हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इस घटना का संज्ञान लिया। उन्होंने कहा स्थानीय प्रशासन राहत बचाव कार्य कर रहा है। बादल फटने की घटना से कोई जनहानि नहीं हुई है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक सोमवार सुबह नारायणबगड़ के पंती कस्बे के ऊपरी भाग में करीब 6 बजे बादल फटने से मंगरीगाड़ में आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। गधेरे (बरसाती नाले) के सैलाब से कर्णप्रयाग- ग्वालदम हाईवे के किनारे बीआरओ के मजदूरों की करीब सात झोपड़ियां बह गईं। जब मलबा आया मजदूर अपनी झोपड़ियों में थे। जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ है। बाढ़ से मजदूरों के 19 परिवार बेघर हो गए हैं। वहीं एक दुकान में मलबा घुस गया है।
मजदूरों के परिजनों और स्थानीय लोगों ने तत्परता दिखाते हुए सभी बच्चों और महिलाओं को सैलाब से बचा लिया। ये सभी मजदूर नेपाल और झारखंड के रहने वाले हैं। मलबे से कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाईवे बंद हो गया है, जिसे खोलने के प्रयास जारी हैं।
बताया जा रहा है कि कई दोपहिया वाहन व कार भी मलबे में दबे हुए हैं। प्रशासन मौके पर पहुंच गया है। बचाव व राहत के कार्य शुरू कर दिए गए हैं। मजदूरों और उनके बच्चों को गांव के लोगों ने अपने घरों में सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है। बादल फटने की घटना से पूरे क्षेत्र के लोग खौफजदा हैं। स्थानीय जानकारों का कहना है कि नारायणबगड़ क्षेत्र भूगर्भीय दृष्टि से संवेदनशील है।