राज्य आंदोलन के प्रणेता, उत्तराखंड के गांधी स्व0 इंद्रमणि बडोनी जी के जन्मदिन (उत्तराखण्ड सांस्कृतिक दिवस) के अवसर पर टिहरी के राज्य आंदोलनकारियों द्वारा शहीद स्मारक, नई टिहरी में उनके चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए तथा एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।
राज्य आंदोलनकारी विक्रम बिष्ट ने कहा आज का दिन सांस्कृतिक दिवस के रूप में प्रदेश भर के विद्यालयों में तथा राज्य स्तर पर मनाया जाना चाहिए। स्कूलों में भाषण,डिबेट एवं अन्य माध्यमों से स्वर्गीय बडोनी जी के व्यक्तित्व तथा योगदान एवं राज्य आंदोलन के इतिहास के बारे में विद्यार्थियों को अवगत कराया जाना चाहिए।
वीरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि राज्य आंदोलन की अवधारणा के अनुरूप हमारे गांव सरसब्ज रहने चाहिए जिसके लिए हम लोगों को अपने गांव की जमीनों को उपयोग में लाना चाहिए और एक समृद्ध उत्तराखंड की ओर कदम बढ़ाना चाहिए।
मंच के प्रवक्ता शांति प्रसाद भट्ट ने उक्त शहीद स्थल को राज्य आंदोलनकारियों के स्मारक के रूप में स्थापित कर उसको भव्य रूप से विकसित करने का सुझाव दिया।
गोष्ठी का संचालन कर रहे आंदोलनकारी मंच के उपाध्यक्ष देवेंद्र नौडियाल ने कहा कि जिस प्रकार नई शिक्षा नीति के अनुरूप क्षेत्रीय भाषाओं एवं क्षेत्रीय इतिहास को पाठ्यक्रमों में शामिल करने की बात हो रही है उसके अंतर्गत उत्तराखंड सरकार को चाहिए कि राज्य आंदोलन एवं स्वर्गीय बडोनी जी समेत राज्य आंदोलन के प्रमुख क्रांतिकारियों के इतिहास भी राज्य की पाठ्य पुस्तकों में शामिल करें।
गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए मंच के अध्यक्ष ज्योति प्रसाद भट्ट ने कहा उत्तराखंड के गांवों को गुलजार करके ही खुशहाल उत्तराखंड की अवधारणा को पूर्ण किया जा सकता है। इसके लिए कम से कम हर व्यक्ति को महीने में 1 दिन अपने घर-गांव की ओर रुख करना चाहिए।
कार्यक्रम में राज्य आंदोलनकारी मंच टिहरी के जिला अध्यक्ष ज्योति प्रसाद भट्ट,उपाध्यक्ष देवेंद्र नौडियाल, महासचिव किशन सिंह रावत, प्रवक्ता शांति प्रसाद भट्ट, सह प्रवक्ता विक्रम सिंह कठैत,मीडिया कोऑर्डिनेटर जय प्रकाश पांडे, सचिव गोपाल चौहान, कोषाध्यक्ष सुंदर सिंह कठैत,राज्य आंदोलनकारी विक्रम सिंह बिष्ट, बीरेंद्र सिंह नेगी,मुनेंद्र भट्ट, रमेश कृषाली, राजेन्द्र असवाल आदि उपस्थित रहे।