उत्तराखंड में वर्तमान में चल रही एसटीएफ जांच के दौरान तीन और भर्तियां भी संदेह के घेरे में आ गई हैं, जिनकी भी जांच हो सकती है। इनमें उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) में जूनियर इंजीनियर (जेई) भर्ती मामले में एसटीएफ साक्ष्यों पर जानकारी जुटा रही, जबकि वन दरोगा के ऑनलाइन पेपर में गड़बड़ी के साक्ष्य भी मिले हैं।
इसके अलावा वन आरक्षी भर्ती मामले में एसटीएफ पुराने मुकदमों की पड़ताल कर रही है। जल्द ही जांच के आदेश भी हो सकते हैं। 22 जुलाई से शुरू हुई स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा की जांच में एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे हैं। इस गड़बड़ झाले के केंद्र में सिर्फ एक कंपनी आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन आई है। अब तक की जांच में छह कर्मियों और इसके मालिक राजेश चौहान को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस मामले में अब इसी कंपनी की भूमिका सामने आ रही है।
पूरी भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी इसी कंपनी के कारिंदों और मालिकान के कहने पर हुई। अब इस कंपनी ने जो पहले परीक्षाएं कराई हैं, वह भी संदेह के घेरे में आ गई हैं। इनमें यूजेवीएनएल में जेई भर्ती प्रक्रिया पर भी सवाल उठ रहे हैं। एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक, इसमें एक दंपती बहुत पहले से संदेह के घेरे में था। पूछताछ भी की जा चुकी है। इसी पर एसटीएफ ने यूजेवीएनएल से कुछ दस्तावेज भी मांगे हैं। इसके अलावा वन दरोगा भर्ती प्रक्रिया में भी प्राथमिक गड़बड़ी का पता चल चुका है।