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Monday, December 23, 2024
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एसटीएफ ने किया फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर का भंडाफोड़, 14 लोग गिरफ्तार, 1.26 करोड़ की नकदी बरामद

देहरादून। यहां एसटीएफ ने एक और फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर का भंडाफोड़ कर 14 लोगों को गिरफ्तार किया है। मौके से 1.26 करोड़ की नकदी भी बरामद हुई। कॉल सेंटर में काम करने वाले करीब 300 युवक-युवतियों से पूछताछ की गई है। कॉल सेंटर के जरिये विदेश में रह रहे लोगों को ठगा जाता था। उन्हें फर्जी तरीके से माइक्रोसॉफ्ट आदि की सेवाएं देने के नाम पर क्यूआर कोड के माध्यम से डॉलर मंगाए जाते थे।

एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि पिछले साल एसटीएफ ने इसी तरह के चार कॉल सेंटर पकड़े थे। लंबे समय से देहरादून में एक और कॉल सेंटर चलने की बात सामने आ रही थी। गहन पड़ताल करने के बाद बुधवार देर रात एसटीएफ की टीम न्यू रोड स्थित एक कांप्लेक्स में पहुंची। यहां ए टू जेड नाम से कॉल सेंटर चलाया जा रहा था। पूरी बिल्डिंग किराये पर ली गई थी। टीम अंदर पहुंची तो चौंक गई। वहां दो-चार नहीं बल्कि 300 से अधिक युवक-युवतियां मौजूद थे। इनसे बारी-बारी से पूछताछ की गई तो कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया।

एसटीएफ ने इनके लैपटॉप और कंप्यूटर की जांच की तो सारा मामला समझ में आ गया। यहां भी अमेरिका, आस्ट्रेलिया और कनाडा आदि के लोगों से इंटरनेट कॉलिंग के माध्यम से संपर्क किया जाता था। इसके बाद माइक्रोसॉफ्ट समेत अन्य कंपनियों की सेवाएं देने के नाम पर उनके कंप्यूटर में एक पॉप-अप जनरेट किया जाता था। आने वाले इस पॉप-अप को वे एक फर्जी मेल या लिंक से ठीक कर देते थे।

इसके एवज में उनसे 100 से 300 डॉलर तक लिए जाते थे। एसटीएफ ने तलाशी ली तो एक आलमारी में नोटों की गड्डियां मिलीं। नोटों को गिना गया तो यह 1.26 करोड़ की नकदी थी। इसके अलावा 245 लैपटॉप और 61 कंप्यूटर बरामद किए गए। मौके से एक युवती समेत 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनमें से 11 को नोटिस देकर जमानत दे दी गई, जबकि तीन संचालक मेघा रावत निवासी आईटी पार्क, धोरण, रायपुर, देहरादून, विकास गुप्ता निवासी सहस्त्रधारा रोड, राजपुर, देहरादून एवं दमन भल्ला निवासी जबदी, थाना डिवीजन, लुधियाना, पंजाब, हाल पता जाखन, देहरादून को न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया गया है।

जिन लोगों को नोटिस जारी किये गए उनमें राघव गुप्ता निवासी बुराड़ी, नई दिल्ली, यसप्रीत सिंह निवासी देहरादून, लोकेश गिभगली निवासी देहरादून, करनजीत सिंह निवासी देहरादून, पुरुषोत्तम कुमार निवासी मधुबनी, बिहार, देव अरोड़ा निवासी देहरादून, हर्ष गांगुली निवासी देहरादून, दृष्यत गुलाटी निवासी नई दिल्ली, अब्दुल समी निवासी देहरादून, प्रोफुल मनी निवासी देहरादून एवं तरुण अग्रवाल निवासी देहरादून शामिल हैं।

एसटीएफ के अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली निवासी नितिन गुप्ता, उदित गर्ग और गर्भित अपनी पहुंच का हवाला देते हुए कॉल सेंटर संचालित करवा रहे थे। बताया जाता है कि इन लोगों ने संचालकों से कहा था कि वे कभी पुलिस के छापे नहीं पड़ने देंगे। इसके लिए वे अच्छी-खासी रकम भी इन लोगों से ले रहे थे। हालांकि, अभी एसटीएफ ने इन लोगों को गिरफ्तार नहीं किया है। कहा जा रहा है कि इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जल्द ही गिरफ्तारी हो सकती है। सूत्रों के अनुसार, इसमें कुछ बड़े लोगों की मिलीभगत भी हो सकती है।

कॉल सेंटर में सारा काम ऑनलाइन ही होता था। जाहिर है कि विदेशों से पैसा भी ऑनलाइन ही आता था। ऐसे में यह पैसा कहां से आया, इसके लिए उन्होंने अभी एसटीएफ को कोई वाजिब जवाब नहीं दिया है। पहले माना जा रहा था कि यह पैसा सैलरी आदि देने के लिए भी लाया जा सकता है। हालांकि, इस बीच पता चला कि यह डॉलर के बदले लिया गया पैसा है। इसके लिए एसटीएफ कुछ करेंसी एक्सचेंज सेंटर से भी जानकारी जुटा रही है। सारा पैसा एक दिन में निकाला गया या फिर कई दिनों में, इसकी भी जांच की जा रही है।

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