सामुदायिक रेडियो देश भर में आज अपनी पहचान बना चुका है समाज के अंतिम व्यक्ति तक पंहुचने वाले सबसे सुलभ माध्यम सामुदायिक रेडियो स्टेशनों की संख्या आज देश में 364 हो गई है। वही उत्तराखण्ड की बात करें तो आंन एयर रेडियो स्टेशन की संख्या 12 हो गई है। इसी को देखते हुये उत्तराखण्ड के सामुदायिक रेडियो स्टेशनों ने राज्य स्तर पर संघठित होकर सामंजस्य के साथ और अधिक मजबूती के साथ समुदाय के मुद्दों पर काम करने के लिए एसोसिएशन का गठन करने का निर्णय लिया।
एनआईवीएच देहरादून के सभागार में संपन्न हुई एक दिवसीय बैठक में एसोसिएशन के गठन के उद्देश्यों व कार्यो को लेकर चर्चा हुई जिसमें सर्वसम्मति से उत्तराखण्ड सामुदायिक रेडियो एसोसिएशन यूके सीआरए का गठन किया गया। शासन प्रशासन के साथ बेहतर संबाद स्थापित किया जा सके इसके लिए यूके सीआरए के प्रथम 2 प्रतिनिधि रेडियो खुशी के अर्जुन कैंतुरा व सामुदायिक रेडियो हेंवलवाणी के राजेंद्र नेगी नामित किये गये।
इस मौके पर एनआईवीएच देहरादून के निदेशक डा0 हिमांगशु दास ने एसोसिएशन के गठन पर सभी सदस्यो को बधाई दी तथा कहा कि सामुदायिक रेडियो उत्तराखण्ड के लिए सबसे सश्क्त मीडिया माध्यम है इससे समाज के दूरस्थ से दूरस्थ गांव के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचकर सही सूचना, जानकारी और जागरूकता प्रदान की जा सकती है उन्होंने कहा कि जल्द उत्तराखण्ड के सभी सामुदायिक रेडियो के साथ मिलकर सभी तरह के दिव्यांगजनों को सही अवसर, शिक्षा, समानता, आत्मनिर्भता व जागरूकता के लिए एक बड़ा अभियान शुरू किया जायेगा।
बैठक में मंदाकिनी की आवाज,रेडियो जिंदगी, हैलो हल्द्वानी, कुमाउंवाणी, एनआईवीएच हैलो दून व रेडियो केदार स्टेशनों के केंद्र निदेशक
आदि शामिल हुये।