माउंट त्रिशूल पर हिमस्खलन (बर्फीले तूफान) की चपेट में आने से लापता नौसेना के चार अधिकारियों के शव शनिवार की शाम मिल गए। जिनके शव मिले हैं उनमें लेफ्टिनेंट कमांडर रजनीकांत यादव, लेफ्टिनेंट कमांडर अनंत कुकरेती, लेफ्टिनेंट कमांडर योगेश तिवारी और मास्टर चीफ पैट्टी ऑफिसर हरिओम शामिल हैं। डिप्टी सीएमओ एमएस खाती ने बताया कि नौसेना के चार जवानों के शवों का पोस्टमार्टम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के शव गृह में किया जाएगा।
अभियान दल के दो लोग अब भी लापता बताए गए हैं। इनकी तलाश में अभियान रविवार को भी जारी रहा। यह दल माउंट त्रिशूल पर आरोहण के लिए गया था। लेकिन शुक्रवार सुबह करीब पांच बजे माउंट त्रिशूल कैंप-3 में हिमस्खलन की चपेट में आ गया था।
इससे पूर्व शनिवार की दोपहर खोज के लिए गए दल को हवाई सर्वे के दौरान मौके पर चार लोग पड़े हुए दिखाई दिए। इन लोगों को निकालने के लिए टीम उतारी गई। निम के कर्नल अमित बिष्ट ने शुरुआती जानकारी दी थी कि रेस्क्यू अभियान में रविवार तक का समय लग सकता है। लेकिन देर शाम उन्होंने चार शवों के मिलने की पुष्टि कर दी।
बता दें कि त्रिशूल पर्वत पर आरोहण के लिए नौसेना का दल 23 सितंबर को सुतोल गांव से आगे निकला था। विगत शुक्रवार सुबह करीब पांच बजे दल के कुछ सदस्य हिमस्खलन की चपेट में आने से लापता हो गए थे। तभी से लापता सदस्यों की तलाश के लिए अभियान चल रहा था।
इसी क्रम में शनिवार सुबह जोशीमठ के सैन्य हेलीपैड से थल सेना और वायु सेना के हेलीकॉप्टरों ने त्रिशूल पर्वत के लिए उड़ान भरी। वहीं पैदल मार्ग से भी सेना और एसडीआरएफ के जवान घटनास्थल की ओर रवाना हुए। निम और गुलमर्ग से बुलाई गई टीम भी तलाश अभियान में जुटी रही।
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उत्तराखंड के माउंट त्रिशूल के आरोहण के लिए गए नौसेना के एक दल के हिमस्खलन की चपेट में आ जाने से पांच पर्वतारोही और एक पोर्टर लापता बताया जा रहा है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार ये माउंट त्रिशूल के आरोहण के दौरान हिमस्खलन आने से यह हादसा होना बताया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि नेहरू पर्वतारोहण संस्थान से राहत-बचाव टीम कर्नल अमित बिष्ट के नेतृत्व में त्रिशूल चोटी के लिए रवाना हो गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार करीब 15 दिन पूर्व नौसेना का 20 सदस्यीय दल 7,120 मीटर ऊंची त्रिशूल चोटी के आरोहण के लिए गया था। शुक्रवार सुबह जब यह दल आगे बढ़ा, तो हिमस्खलन की चपेट में आ गया।
इस बारे में निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने बताया यह घटना शुक्रवार सुबह पांच बजे के करीब हुई है। नौसेना के करीब पांच पर्वतारोही और एक पोर्टर हिमस्खलन की चपेट में आए हैं और लापता चल रहे हैं।
माउंट त्रिशूल चमोली जनपद की सीमा पर स्थित कुमांऊ के बागेश्वर जनपद में है। तीन चोटियों का समूह होने के कारण इसे त्रिशूल कहते हैं। इस चोटी के आरोहण के लिए चमोली जनपद के जोशीमठ और घाट से पर्वतारोही टीमें जाती हैं।
भारतीय नौसेना का कहना है कि हिमस्खलन में लापता पर्वतारोही और एक पोर्टर की खोज के लिए राहत-बचाव अभियान शुरू कर दिया गया है। सर्च अभियान में सेना, वायु सेना और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल का बचाव दल और हेलीकॉप्टर जुटे हुए हैं।