उत्तराखंड में विधानसभा शीतकालीन सत्र आहुत करने की अधिसूचना जारी कर दी है। अब सत्र को लेकर असमंजस की स्थिति दूर हो गई है। देहरादून में 9 और 10 दिसंबर को शीतकालीन सत्र आहुत किया जाएगा। इसके लिए विधानसभा सचिवालय ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके अलावा सभी विधायकों को भी सत्र आहुत होने के बारे में सूचना भेज दी गई है।
विधानसभा प्रभारी सचिव मुकेश सिंघल ने दो दिवसीय शीतकालीन सत्र की अधिसूचना जारी की है। 9 और 10 दिसंबर को सत्र में सरकार की ओर से विधेयक और अध्यादेश सदन के पटल पर रखे जाएंगे। माना जा रहा है कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल का यह अंतिम सत्र होगा।
पहले सरकार ने कैबिनेट में शीतकालीन सत्र गैरसैंण में कराने का फैसला लिया था। जिसे बाद में वापस लेकर देहरादून में दो दिवसीय सत्र आहुत किया जा रहा है। वहीं, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी गैरसैंण में सत्र आहुत न करने को मुद्दा बना रही है।
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उत्तराखंड में विधानसभा के शीतकालीन सत्र को लेकर चला आ रहा असमंजस अब खत्म हो गया है। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया है कि आगामी नौ व दस दिसंबर को सत्र देहरादून में ही आयोजित किया जाएगा। शीतकालीन सत्र को लेकर संसदीय कार्य मंत्री बंशीधर भगत एवं नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के साथ बातचीत करने के बाद ही यह फैसला लिया गया है।
प्रेसवार्ता में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा है कि मेरा प्रयास होगा इस सत्र के दौरान आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर अमृत महोत्सव के तहत भी एक दिन अतिरिक्त चर्चा के लिए रखा जाए। हालांकि यह सब कार्यमंत्रणा की बैठक में तय होगा, लेकिन मेरी इच्छा है कि अमृत महोत्सव को लेकर भी सदन में चर्चा हो।
पिछले दिनों मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार ने प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में सत्र कराने का निर्णय लिया था, जिसे बाद में बदल दिया। उसी दिन इस बात के संकेत मिल गए थे कि सरकार गैरसैंण में सत्र कराने को लेकर दुविधा में है।