सिद्धपीठ सुरकंडा माता के दर्शन करने के बाद कार्यकर्ताओं के साथ रोपवे ट्रॉली से वापस आ रहे टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय रोप और चक्का स्लिप होने से करीब 25 मिनट तक हवा में लटके रहे। इस दौरान विधायक समेत अन्य लोगों की जान हलक में अटकी रही। टेक्निकल टीम ने किसी तरह खामी को ठीक करते हुए रोपवे शुरू कराया, जिसके बाद विधायक और अन्य लोग सकुशल उतरे। एसडीएम धनोल्टी लक्ष्मी राज चौहान ने ब्रिडकुल को रोपवे की तकनीकी जांच के लिए पत्र लिखा है। जांच होने तक रोपवे के संचालन पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है।
रविवार दोपहर टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय कार्यकर्ताओं के साथ सिद्धपीठ मां सुरकंडा के दर्शन के लिए ट्रॉली से मंदिर पहुंचे। पूजा-अर्चना करने के बाद वह लौट रहे थे। सायं करीब पौने 5 बजे रोपवे की सभी ट्रॉलियां जैसे ही टावर नंबर 4 के पास पहुंचीं तो अचानक से बंद हो गई, जिससे विधायक समेत यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। करीब 25 मिनट के तक सभी लोग ट्रॉली के साथ हवा में फंसे रहे।
बताया जा रहा है कि रोपवे का एलाइनमेंट आउट होने की वजह से यह घटना हुई। विधायक उपाध्याय ने कहा कि रोपवे की सुविधा के बाद सुरकंडा देवी मंदिर में भक्तों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। लेकिन इस तरह की घटना से लोगों में डर बैठ जाता है। रोपवे संचालनकर्ता कंपनी को इस कमी को तुरंत ठीक करना चाहिए।
उन्होंने जिला प्रशासन को भी निर्देश दिए हैं कि रोपवे की नियमित निगरानी की जाए। हालांकि उन्होंने वहां फंसे लोगों को धीरज रखने की अपील की। वहीं कंपनी के सुपरवाइजर नरेश बिजल्वाण का कहना है कि कंपनी ने इस माह 18 जुलाई से शटडाउन लेने का निर्णय लिया था। लेकिन उससे पहले यह घटना हो गई।
उन्होंने बताया कि टावर नंबर 4 के पास ट्रालियां पहुंचते ही रोप और चक्का स्लिप हो गए। करीब सवा 5 बजे तकनीकी टीम ने खामियां दूर करते हुए विधायक उपाध्याय सहित सभी 16 ट्रॉलियों को सकुशल रोपवे परियोजना के प्लेटफार्म पर उतारा। बारिश के कारण भी यह समस्या उत्पन्न हुई होगी।
सुरकंडा देवी मंदिर समिति के निवर्तमान अध्यक्ष जितेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि यह गंभीर घटना है। इससे लोगों में भय का माहौल बनता है। रोपवे कंपनी को चाहिए कि इसकी तकनीकी जांच समय-समय पर करते रहें। इस मौके पर राजेश्वर प्रसाद बडोनी, जितेंद्र नेगी, मुकेश लखेड़ा, रामकृष्ण डबराल, अनुज डबराल आदि मौजूद थे।