प्रसिद्ध पर्यावरणविद् एवं चिपको आंदोलन के प्रणेता सुंदरलाल बहुगुणा भी कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में आ गए हैं। उन्होंने कहा कि वह अन्नदाताओं की मांगों का समर्थन करते हैं। दूसरी ओर शुक्रवार को केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन 23वें दिन में प्रवेश कर गया है।
इधर, रुद्रपुर के गाजीपुर बॉर्डर में चल रहे किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए पूर्व मंत्री तिलकराज बेहड़ कार्यकर्ताओं के साथ पहुंचे। वह किसानों के साथ धरने पर बैठे और कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की।
उधर, पूर्व विधायक अंबरीष कुमार ने कहा कि नए कृषि कानून किसान की मौत का वारंट बन गए हैं। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के लिए संत बाबा राम सिंह की शहादत दिल दहलाने वाली है। अभी तक 20 से अधिक किसान आंदोलन के दौरान अपनी जान दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार को किसानों के बलिदान की राजनीतिक कीमत चुकानी होगी।
जारी बयान में पूर्व विधायक अंबरीष कुुमार ने कहा कि किसान आंदोलन विश्व के इतिहास में सर्वाधिक अनुशासित, व्यवस्थित और सुविधा संपन्न आंदोलन है। हाड़ कंपा देने वाली ठंड में भी किसान देश की स्वतंत्रता और खुद्दारी को बचाने के लिए लड़ रहा है।
Chipko movement leader Sundarlal Bahuguna extends his support to farmers protesting against the three farm laws, says, “I support the demands of the ‘annadatas’ “. pic.twitter.com/ni9cMuwKFx
— ANI (@ANI) December 18, 2020