रेशम की गुणवत्ता को पहचानने और रेशम बुनाई की बारीकियों को समझने के उद्देश्य से देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी के फैशन डिज़ाइन विभाग के छात्रों ने सिल्क पार्क का दौरा किया।
फैशन की दुनिया में रेशम की एक ख़ास चमक है और इस चमक के पीछे मेहनत और कुशलता का अद्भुत संगम है, जिसे जानना और समझना फैशन डिज़ाइन के हर एक छात्र के लिए आवश्यक है। इसी क्रम में मांडूवाला स्थित देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी के फैशन डिज़ाइन विभाग के छात्रों ने प्रेमनगर स्थित सिल्क पार्क का दौरा किया।
इस दौरान उन्होंने रेशम निर्माण इकाई और कताई-बुनाई इकाई की बारीकियों को समझा, जिनमें सिल्क रीलिंग, डबलिंग और ट्विस्टिंग मशीनों की कार्यप्रणालियों के बारे में जाना। इसके अलावा रेशम की देखभाल, अच्छे रेशम की पहचान, रेशम उत्पादों के सही प्रयोग हेतु सुझावों के बारे में जानकारी हासिल की। वहीं, छात्रों ने रेशम कीट पालन और रेशम उत्पादों से जुड़ी अपनी शंकाओं का निवारण भी किया।
सिल्क पार्क, रेशम तकनीकी सेवा केंद्र के वैज्ञानिक सुरेन्द्र भट्ट ने कहा कि फैशन की दुनिया में रेशम का अपना एक अलग ही स्थान है। रेशम जितना खूबसूरत और बेजोड़ होता है उतना ही इसको तैयार करने में परिश्रम और कुशलता की आवश्यकता होती है और रेशम तकनीकी सेवा केंद्र प्रशिक्षणार्थियों को रेशम के निर्माण और कताई-बुनाई की दिशा में प्रशिक्षण प्रदान करता है। वहीं, छात्र भी रेशम से जुड़ी जानकारियाँ हासिल करने के प्रति काफी उत्सुक नज़र आये।
इस दौरान स्कूल ऑफ़ जर्नलिज्म एंड लिबरल आर्ट्स की डीन प्रोफेसर दीपा आर्या ने रेशम तकनीकी केंद्र के विशेषज्ञों के प्रति अपना आभार जताया और कहा कि फैशन के छात्रों का सिल्क पार्क का दौरा उनके सुनहरे भविष्य के लिए काफी कारगर साबित होगा।
इस दौरान रेशम तकनीकी केंद्र की ओर से क्षितिज शुक्ल, सत्य प्रकाश, दिनेश तोमर, एमके भारद्वाज, जय प्रकाश सहित फैशन डिज़ाइन की फैकल्टी मोनिका आदि उपस्थित रहे।