देहरादून। सूबे के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री सुबोध उनियाल द्वारा उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, राजकीय उद्यान विभागों में संचालित विभिन्न राज्य सैक्टर व केन्द्र पोषित योजनाओं की समीक्षा की गयी।
गुरूवार को यहां सर्किट हाउस में आयोजित बैठक में कृषि मंत्री श्री उनियान ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने हेतु राजकीय क्षेत्र का सुदृढीकरण किया जाना आवश्यक है, जिसमें विभिन्न गतिविधियों जैसे बीज एवं पौध रोपण सामग्री से सम्बन्धित अनुसंधान कार्य, गुणवत्तायुक्त पौध रोपण सामग्री के उत्पादन हेतु हाईटैक पौधशाला स्थापना व वितरण हेतु यूटिलिटी वाहन, टिश्यू कल्चर इकाई स्थापना, मसाला बीज उत्पादन, नवीनतम उच्च गुणवत्तायुक्त पौध रोपण सामग्री का आयात, मशरूम उत्पादन से सम्बन्धित इकाईयों की स्थापना, सामुदायिक जल स्त्रोतों का सृजन, बॉयो कन्ट्रोल लैब की स्थापना, प्लान्ट हेल्थ क्लीनिक, लीफ टिश्यू एनॉलिसिस लैब, उत्कृष्ठकता केन्द्रों की स्थापना, औद्यानिक यन्त्रीकरण, प्रदर्शन प्रखण्डों की स्थापना, क्वालिटी कन्ट्रोल एनॉलिसिस लैब एवं खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापना इत्यादि अवस्थापना सुविधाओं का सृजन किया जाना आवश्यक है।
बैठक में निदेशक , उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण डा हरमिन्दर सिंह बवेजा ने अवगत कराया गया कि विभाग द्वारा राजकीय क्षेत्र के सुदृढीकरण हेतु केन्द्र पोषित राष्ट्रीय बागवानी मिशन (MIDH) के अन्तर्गत वर्ष 2020-21 की अतिरिक्त कार्य योजना के रूप में रू 280.00 करोड़ का प्रस्ताव तैयार किया गया है। उक्त प्रस्ताव को मंत्री द्वारा स्वीकृति हेतु अपने स्तर से मंत्री, कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार नरेन्द्र सिंह तोमर को प्रेषित किया गया है।
बैठक में मंत्री श्री उनियाल द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि पर्वतीय क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार प्रदेश के 13 में से 11 जनपद औद्यानिकी विकास पर आधारित हैं। प्रदेश सरकार केन्द्रीय योजनाओं व अपने संसाधनों से लगातार प्रयासरत है कि औद्यानिकी के क्षेत्र में क्षेत्रफल, उत्पादकता एवं उत्पादन में निरन्तर वृद्धि की जाए।
अनुभव है कि राज्य के औद्यानिक विकास में उच्च गुणवत्तायुक्त पौध रोपण सामग्री का अभाव अवरोधक के रूप में सम्मुख आता है। संप्रति शीतोष्ण जलवायु (Temperate Climate) हेतु सेब, कीवी, अखरोट आदि की उच्च गुणवत्तायुक्त पौध सामग्री की तत्काल आवश्यकता है।
इसी श्रृंखला में भारत सरकार में विदेशों से आयातित फल पौधों को क्वारंटाइन के उद्देश्य से राष्ट्रीय बीज निगम के माध्यम से एक पोस्ट एंट्री क्वॉरेंटाइन सेंटर (PEQ) उत्तराखण्ड राज्य में स्थापित किये जाने का प्रस्ताव भारत सरकार में विचाराधीन है, जिसकी स्थलीय निरीक्षण की कार्यवाही सम्पन्न हो चुकी है।
इस सम्बन्ध में भी उनके द्वारा उत्तराखण्ड राज्य में पोस्ट एंट्री क्वॉरेंटाइन सेंटर (PEQ) की स्थापना कराने हेतु मंत्री, कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार नरेन्द्र सिंह तोमर को अनुरोध पत्र प्रेषित किया गया।
मंत्री श्री उनियाल द्वारा बताया गया कि उत्तराखण्ड में मौनपालन की अपार सम्भावनायें विद्यमान हैं, जिसको दृष्टिगत रखते हुए राज्य सरकार द्वारा मौनपालन को बढ़ावा देने हेतु विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। मौनपालन के माध्यम से औद्यानिक फसलों की उत्पादकता में गुणात्मक वृद्धि के साथ-साथ उत्पाद की गुणवत्ता में भी वृद्धि होती है तथा मौनपालन से शहद के अतिरिक्त कृषकों की आय में वृद्धि किये जाने के लिए मौनपालकों को वैक्स, पराग, रॉयल जैली, मौनविष (Bee Venom), प्रोपालिस इत्यादि उत्पाद भी प्राप्त होते हैं।
इस सम्बन्ध में डा बवेजा द्वारा अवगत कराया गया कि प्रदेश में मौनपालन को बढ़ावा देने हेतु भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय मधुमक्खीपालन और शहद मिशन (National Beekeeping and Honey Mission- NBHM) योजना संचालित की जा रही है, जिसके अन्तर्गत SLEC के अनुमोदनोपरान्त विभिन्न प्रस्ताव नैशनल बी बोर्ड, कृषि, सहकारिता एवं कृषक कल्याण विभाग, भारत सरकार को स्वीकृति हेतु प्रेषित किये गये हैं। साथ ही Technical Support Group के अन्तर्गत राज्य स्तर व जनपद स्तर पर 130 कार्मिकों की सेवायें प्राप्त किये जाने हेतु प्रस्ताव स्वीकृति प्रेषित किया गया है।
मंत्री द्वारा NBHM योजनान्तर्गत प्रेषित प्रस्तावों को स्वीकृत कराते हुए TSG के अन्तर्गत 130 कार्मिकों की सेवायें प्राप्त करने की स्वीकृत प्रदान करने हेतु मंत्री, कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार नरेन्द्र सिंह तोमर को अनुरोध पत्र प्रेषित किया गया। अवगत कराया गया कि सूक्ष्म खाद्य उद्योगों को बढ़ावा देने हेतु आत्मनिर्भर भारत अभियान के अन्तर्गत प्रारम्भ की गई महत्वकांक्षी योजना “ प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना (PMFME) का क्रियान्वयन उत्तराखण्ड राज्य में भी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार की मार्गनिर्देशिका के अनुसार कुशलतापूर्वक किया जा रहा है। PMFME योजना को उत्तराखण्ड राज्य में संचालित कर रहे उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग में खाद्य प्रसंस्करण खाद्य प्रौद्योगिकी से सम्बन्धित तकनीकी विशेषज्ञों का अभाव है।
अवगत कराया गया कि PMFME योजनान्तर्गत उत्तराखण्ड राज्य को State Project Management Unit (SPMU) हेतु मात्र 02 पद स्वीकृत किये गये हैं, जो कि राज्य में योजना के सफल संचालन हेतु पर्याप्त नहीं हैं। इस क्रम में योजना की महत्ता को दृष्टिगत रखते हुए उत्तराखण्ड राज्य हेतु 02 अतिरिक्त सलाहकारों (Manager Marketing एवं Manager Food Technology) की नियुक्ति किये जाने हेतु भी मंत्री, कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार नरेन्द्र सिंह तोमर को अनुरोध पत्र प्रेषित किया गया ।
समीक्षा बैठक में डा हरमिन्दर सिंह बवेजा, निदेशक, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण उत्तराखण्ड, संजय कुमार श्रीवास्तव, निदेशक, बागवानी मिशन एवं अन्य विभागीय अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।