हरिद्वार। जब रक्षक ही भक्षक बन जाएं तो फिर किया ही क्या जा सकता है। करीब एक सप्ताह पूर्व ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र से मादक पदार्थों की तस्करी के मामले में जांच कर रही एसटीएफ टीम ने बड़ा खुलासा किया है।
मामले में पूर्व में जहां ज्वालापुर कोतवाली और नारकोटिक्स सेल में तैनात दो आरक्षियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है, वहीं अब वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के सुरक्षाकर्मी के भी मादक पदार्थों की तस्करी करने वालों से संबंध सामने आने पर पदोन्नत हेड कांस्टेबल को निलंबित कर मामले की जांच सीओ रूड़की बहादुर सिंह चौहान को सौंपी गई है।
विदित हो कि करीब एक सप्ताह पूर्व एटीएस देहरादून की टीम ने ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र से मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले चार तस्करों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की थी। इन तस्करों में जहां एक महिला भी शामिल थी, वहीं ज्वालापुर कोतवाली में तैनात आरक्षी अमजद और जिले की नारकोटिक्स सेल में तैनात आरक्षी रईस राजा को भी तस्करों को संरक्षण देने के मामले में गिरफ्तार किया गया था।
डीजीपी अशोक कुमार के आदेश के बाद एसटीएफ के डीआईजी नीलेश आनंद भरणे इस मामले की जांच कर रहे हैं। जांच में एसएसपी के सुरक्षाकर्मी प्रोन्नत हेड कांस्टेबल विकास बलूनी का नाम भी सामने आया है, जिसके बाद तत्काल प्रभाव से उसे निलंबित कर दिया गया है।
एसटीएफ की टीम तस्करों की किन-किन से बातचीत होती है, इसकी जांच कॉल डिटेल के आधार पर कर रही थी। इसमें विकास बलूनी के भी मादक पदार्थों की तस्करी करने वालों से संबंध सामने आए हैं। इसके बाद मामले की जांच शुरू कर दी गई है। जांच टीम अभी और भी कुछ चौकाने वाले रहस्य उजागर कर सकती है।