देहरादून। कल बुद्धवार को आहूत विधानसभा सत्र को लेकर जिलाधिकारी डा0 आशीष कुमार श्रीवास्तव ने विधानसभा के 300 मीटर की परिधि के भीतर धारा 144 लागू कर दी है। डीएम ने कहा कि 23 सितंबर को होने वाले विधानसभा सत्र के दौरान शारीरिक दूरी समेत कोविड गाइडलाइंस का पालन किया जाना अनिवार्य है।
जिलाधिकारी ने अपने आदेश में कहा है कि सत्र के दौरान किसी भी प्रकार की नारेबाजी एवं लाउडस्पीकर का प्रयोग, सरकारी भवनों में नारे लिखना, भड़काऊ भाषण, भ्रामक प्रचार-प्रसार प्रतिबन्धित है। उक्त क्षेत्रान्तर्गत किसी सार्वजनिक स्थान पर चैराहों पर पांच अथवा उससे अधिक व्यक्ति एक साथ एकत्रित नहीं होंगे।
इस परिधि में किसी भी प्रकार के बसों, ट्रैक्टर ट्रालियों अथवा चैपहिया एवं दुपहिया वाहनों के जुलूस की शक्ल में एकत्र होने पर प्रतिबन्ध रहेगा। इस दौरान जुलूस अथवा सार्वजनिक सभा का आयोजन बिना किसी पूर्व अनुमति के नहीं किया जाएगा। यह आदेश 23 सितम्बर से विधानसभा सत्र की समाप्ति तक प्रभावी रहेंगे। आदेशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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देहरादून। प्रदेश में कोरोना के प्रकोप के चलते मानसून सत्र महज औपचारिक बनकर रह जाएगा। पहली बार ऐसा सत्र होगा, जिसमें प्रश्नकाल नहीं होगा। अब सिर्फ एक दिन का ही विधानसभा सत्र होगा। ऐसे में राज्य सरकार के पास एक ही दिन का समय है जिसमें अध्यादेश और विधेयक लेकर आएगी और उसी दिन उन्हें पास भी कराएगी। सत्र के शून्यकाल में प्रश्नों के जवाब दिए जाएंगे और कार्य स्थगन के प्रस्ताव स्वीकार किए जाएंगे।
इस बार का विधानसभा सत्र कई रिकार्ड बनाने वाला है। जहां इस सत्र में प्रश्नकाल नहीं होगा वहीं सदन बगैर विधानसभा अध्यक्ष एवं बिना नेता प्रतिपक्ष के सम्पन्न होगा। हालांकि सरकार ने कुछ दिन पहले ही एक दिन के सत्र आयोजित करने का निर्णय ले लिया था। ज्ञात हो कि विधानसभा में कार्यमंत्रणा समिति की बैठक से ठीक पहले विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद यह सरकार की मजबूरी भी बन गया। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश पहले ही कोरोना पॉजिटिव होने के कारण दिल्ली के अस्पताल में उपचार के लिए आज ही भर्ती हुई हैं।
फिलहाल अब सत्र में स्पीकर की अनुपस्थिति में अब उपसभापति रघुनाथ सिंह चैहान विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका निभाएंगे। कार्यमंत्रणा समिति की रविवार को हुई बैठक की अध्यक्षता भी उन्होंने की। संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने स्पष्ट किया कि कोरोना के कारण हाउस को लंबा नहीं चलाया जा सकता है। सत्र एक ही दिन का होगा। कार्यस्थन के प्रस्ताव आएंगे। प्रश्नकाल नहीं होगा और कार्यमंत्रणा समिति के सामने अभी करीब दस अध्यादेश और दो विधेयक रखे गए हैं। करीब आठ अध्यादेश और लाए जा सकते हैं। भोजन अवकाश से पहले अध्यादेश और विधेयक सदन के पटल पर रखे जाएंगे और भोजन अवकाश के बाद इन्हें पारित किया जाएगा।