उत्तराखंड के चमोली जिले के रैणी में ग्लेशियर फटने से जहां धौली नदी में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है, वहीं तपोवन के आगे ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट पूरी तरह से तबाह हो गया है। इस पावर प्रोजेक्ट में काम करने वाले लगभग 150 लोगों का अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है। इधर, घटना स्थल जोशीमठ के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत रवाना हो गए हैं। उनके साथ सचिव आपदा प्रबंधन एसए मुरूगेशन भी मौजूद हैं।
वहीं, आपदा के दौरान रैणी में भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाला पुल क्षतिग्रस्त, सीमा पर आवाजाही ठप हो गई है। तपोवन हाईड्रो प्रोजेक्ट पर काम कर रहे कई मजदूर भी सुरंग में फंसे हैं। वहीं, सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आपदा में मृतकों के परिवार को चार-चार लाख रुपये देने की घोषणा की है।
वहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, अगर आप प्रभावित क्षेत्र में फंसे हैं, आपको किसी तरह की मदद की जरूरत है तो कृपया आपदा परिचालन केंद्र के नंबर 1070 या 9557444486 पर संपर्क करें। कृपया घटना के बारे में पुराने वीडियो से अफवाह न फैलाएं। सीएम ने चमोली का दौरा किया। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, आप सभी धैर्य बनाए रखें। लोगों की मदद के लिए जो भी जरूरी कदम हैं वो सरकार उठा रही है।
उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा, करीब 50-100 लोग लापता हैं। 2 शव बरामद किए गए हैं, कुछ घायलों को बचाया गया है। स्थिति नियंत्रण में हैं। तपोवन-रैणी में बिजली परियोजना पूरी तरह से बह गई है।
उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा, हताहतों की संख्या 100 से 150 के बीच होने की आशंका है। आईटीबीपी, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें पहले ही घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं। रेड अलर्ट जारी किया गया है।
इसके अलावा भी इस घाटी में काफी नुकसान होने की खबर है। हालांकि प्रशासन द्वारा अभी इस संबंध में कोई भी पुष्ट जानकारी नहीं दी गई है।
फ़िलहाल राहत की ख़बर है कि नंदप्रयाग से आगे अलकनंदा नदी का बहाव सामान्य हो गया है। नदी का जलस्तर सामान्य से अब 1 मीटर ऊपर है लेकिन बहाव कम होता जा रहा है।
दूसरी ओर, टिहरी बांध परियोजना से पानी का आउट फ्लो रोक दिया गया है, जिससे देवप्रयाग के नीचे पानी की मात्रा न बढ़ सके। वहीं श्रीनगर जल विद्युत परियोजना प्रबंधन द्वारा पानी नियंत्रित करने की कार्यवाही प्रारंभ की दी गई है।
बताया जा रहा है कि रैणी गांव के पास ग्लेशियर फटने से पानी अपने साथ जंगल से भारी मात्रा में मिट्टी, बोल्डर एवं पेड़ आदि बहा ले गया, जिससे धौली गंगा में अचानक बाढ़ जैसी स्थिति बन गई।
अब तक की मुख्य बातें
- जोशीमठ के पास ग्लेशियर फटने से डैम टूट गया, कई लोगों के बहने की खबर।
- चमोली जिले के तपोवन क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट टूट गया।
- सूचना मिलते ही जिलाधिकारी और आईटीबीपी की दो टीमें मौके पर पहुंच चुके हैं।
- एनडीआरएफ की तीन टीमें देहरादून के लिए रवाना कर दी गई हैं।
- रेनी गांव में एसडीआरएफ और दमकल के बचावकर्मी की टीम पहुंच चुकी है।
- मुख्यमंत्री ने मदद के लिए नंबर जारी किया है। 1070 या 9557444486 पर संपर्क करें।
- मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पुराने वीडियोज और फोटो ना शेयर करने की अपील की।
- सभी जिलाधिकारियों को आपदा चेतावनी भेज दी गई है।
गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद सिंह रावत से फोन पर बात की। इसके अलावा आईटीबीपी के डीआईजी से भी बात की। - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन पर मुख्यमंत्री से बात की।
- ऋषिगंगा ऊर्जा परियोजना में काम करने वाले 150 से अधिक कामगार लापता हैं।
- नंदप्रयाग से आगे अलकनंदा का बहाव सामान्य हो गया है। नदी का जलस्तर सामान्य से अब एक मीटर ऊपर है।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तक किसी तरह की जनहानिक की कोई खबर नहीं है।
- एनडीआरएफ के डीजी एसएन प्रधान ने कहा कि ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा नदी प्रभावित हुई है और बाढ़ के कारण बीआरओ द्वारा बनाया जा रहा पुल बह गया है।
- दिल्ली से देहरादून के बाद जोशीमठ तक 3-4 और टीमों को एयरलिफ्ट करने का आयोजन हो रहा है।
- वायुसेना अधिकारी ने कहा कि देहरादून और आस-पास के क्षेत्रों में वायुसेना के दो एमआई-17 और एक एएलएच ध्रुव हेलिकॉप्टर सहित तीन हेलिकॉप्टर को तैनात किया गया है।
- राहत कार्यों को लेकर कैबिनेट सचिवालय में एक बैठक बुलाई गई है। बैठक में महानिदेशक और गृह मंत्रालय के अधिकारी शामिल होंगे।
- 200 से अधिक जवान स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। स्थिति नियंत्रण में है।