नई टिहरी। प्रदेश में तीसरे फ्रंट के रूप में नये दल गठन की कवायद में जुटे पूर्व मंत्री दिनेश धनै ने आज विधानसभा प्रतापनगर क्षेत्र का भ्रमण कर आम लोगों एवं क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने जन संवाद के जरिए रायशुमारी की।
भ्रमण के दौरान श्री धनै ने कहा कि अलग पहाड़ी राज्य यहां के लोगों ने रोजगार, पलायन रोकने, आर्थिक संसाधन जुटाने, जल जंगल जमीन के अधिकार समेत पहाड़ के सर्वांगीण विकास को की अवधारणा को मूर्तरूप देने के लिए मांगा था, लेकिन राज्य गठन के दो दशक बाद भी आज मुख्य राजनैतिक दलों के सत्तासीन होने के चलते राज्य गठन की मूल मंशा ही कहीं पीछे छूट गई है और आज यहां का आम जनमानस अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है।
उन्होंने कहा कि जब तक भाजपा कांग्रेस के राज से उत्तराखण्ड मुक्त नहीं होगा और क्षेत्रीय दल प्रदेश की सक्रिय राजनीति का हिस्सा नहीं बनेंगे तब तक इस प्रदेश की दशा और दिशा नहीं बदल सकती। विधानसभा क्षेत्र प्रतापनगर का भ्रमण कर लंबगांव लोक निर्माण विभाग के अतिथि गृह में पत्रकारों से बातचीत में श्री धनै ने कहा कि राज्य गठन के बाद दोनों राष्टीय दल भाजपा एवं कांग्रेस बारी-बारी से राज कर रहे हैं और एक दल के विकास कार्यों को दूसरा दल स्वीकार न कर अपना-अपना खेल खेलने में लगे हुए हैं।
कहा कि जिन पहाड़ी जिलों के विकास के लिए अलग राज्य मांगा था आज उन्हीं जिलों की घोर उपेक्षा कर मैदानी जिलों की तर्ज पर विकास का रोड़मैप तैयार कर जनभावनाओं के विपरीत काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न बुद्धिजीवियों ने अब इन राष्ट्रीय दलों के विरोध और पहाड़ी प्रदेश के हित में काम करने के लिए नया दल गठन करने का मन बनाया है।
पूर्व मंत्री ने कहा कि नया दल राज्य में हमारे जल, जंगल, जमीन का स्वामित्व, हमारा गांव हम सरकार का नारा देकर मूल निवास, पलायन रोकने, बेराजगारी सहित विकास कार्यों में पहाड़ी जिलों में लोगों की हो रही मूल भावनाओं की अनदेखी को लेकर दल कार्य करेगा।
उन्होंने कहा कि नये दल गठन के लिए लोगों का अपार जन समर्थन मिल रहा है जल्दी ही वह अपने दल को भारी जनसमर्थन के साथ मैदान मे उतारकर मूलभूत समस्याओं को लेकर संघर्ष प्रारंभ करेंगे। भ्रमण में उनके साथ टिहरी प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष गोविंद बिष्ट, देवेंद्र दुमोगा, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष प्रताप गुसांई, बलबीर नेगी आदि मौजूद थे।