Kan Tarsi Jikudi: हिंदी सिनेमा और हिंदी गानों के तो सभी दीवाने है पर आजकल हमारी युवा पीढ़ी अपने बोलचाल की भाषा जो पहाड़ी है उन गानों को भी काफी पसंद कर रही है। उत्तराखंड की भाषाओं को पूरी दुनिया में प्रचलित करने का प्रयास आजकल के नौजवान गीतकारो द्वारा बखूबी किया जा रहा है। इसी क्रम में गीतकार अंकित बुटोला और अल्पना नौटियाल द्वारा गया हुआ गढ़वाली गीत कन तरसी जिकुड़ी आजकल खूब चर्चा में है। रोहन रावत जी के निर्देशन में बनाया गया यह गीत लाइफ प्रोडक्शन द्वारा निर्मित किया गया है।
Uttarakhandi Song Kan Tarsi Jikudi Deatils
गाना | कन तरसी जिकुड़ी |
भाषा | गढ़वाली |
स्वर | अंकित बुटोला अल्पना नौटियाल |
गाने के लेख तथा रचना | रोहन रावत |
संगीत | शशांक सिंह |
निर्देशक | रोहन रावत |
निर्माता तथा Label | To Life Production (लाइफ प्रोडक्शन) |
Kan Tarsi Jikudi गढ़वाली Song Video
कन तरसी जिकुड़ी गीत उत्तराखंड में फिल्माई गई है जिसमे लड़का जहाँ उत्तराखंड के एक गांव में रहता है और लड़की पड़ी लिखी है इसलिए वो शहर में नौकरी करती है। गाने में संगीत शशांक सिंह ने दिया है तथा नितिन सिंह द्वारा वीडियोग्राफी का काम बहुत ही प्रसंसनीय तरीके से किया गया है ।
कन तरसी जिकुड़ी गीत के बोल में में दर्शाया गया है किस प्रकार एक दुसरे से दूर रहके भी हम अपने प्रियजन को याद करते है और उसके आने की आशा में अपने दिन को व्यतीत करते है ।कन तरसी जिकुड़ी गीत में अभिनय अंकित बुटोला तथा सेजल रावत द्वारा किया गया है ।कन तरसी जिकुड़ी गीत की शूटिंग उत्तराखंड में ही की गई है ।
उम्मीद करते हैं आपको कन तरसी जिकुड़ी गीत पसंद आएगा जो आपको अपने उत्तराखंड पहाड़ से रूबरू कराएगा। आशा करते है आपको हमारा यह प्रयास अच्छा लगेगा ।
Kan Tarsi Jikudi Song Lyrics
स्वर अंकित बुटोला
कन तरसी जिकुडी, मेरी आस छुटीगे ,
कब आलू तू घौर , मेरी आंखी भोरीगे,
मे देखणू रांयू त्वे , तौं ऊकाल ऊंध्यारू मा ,
तेरू बाटू देखी के, मेरू मन्न रुठीगे…!
कन तरसी जिकुडी, मेरी आस छुटीगे ,
कब आलू तू घौर , मेरी आंखी भोरीगे…
स्वर अल्पना नौटियाल
मे आयी ना घौर , कन साल बीतीगे,
तू बुरू ना माणी , किले दिल टूटीगे
मेन माफी मांगण , जब बौडी की आण
कन तरसी जिकूडी , तेरी आस छूटीगे ,
कब आलू मे घौर , किले आंखी भौरीगे…
स्वर अंकित बुटोला
कन दिन छा ऊबी , जब माया लागी रे,
अब याद चि तेरी , बस याद लागी रे
यनु मायी नी लाण , ना निभे सकीगे
कन तरसी जिकूडी , मेरी आस छुटीगे ,
कब आलू तू घौर , मेरी आंखी भोरीगे…
स्वर अल्पना नौटियाल
तू रखी ना बैर , मे याद रखलू ,
ई सच्ची माया मा , ना छोडी की जोलू,
तेरी स्वांनी मुखुडी , मेरा जिया बसीगे
कन तरसी जिकुडी , तेरी आस छुटीगे
कब आलू मे घौर , किले आंखी भौरीगे…