देहरादून। भारतीय सैन्य अकादमी आईएमए में आज सुबह देश के 333 भावी सैन्य अधिकारी पासिंग आउट परेड के बाद सेना का हिस्सा बन गए। इसके साथ ही नौ मित्र देशों के 90 कैडेट्स भी पीओपी के बाद अपने देश की सेना में शामिल हो गए।
आईएमए में कठिन से कठिन प्रशिक्षण हासिल करने के बाद यह अधिकारी अब देश की सुरक्षा का जिम्मा संभालेंगे। आज शनिवार सुबह पीओपी परेड में बतौर रिव्यूइंग ऑफिसर सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने प्रतिभाग किया। पीओपी में देश-विदेश के कुल 423 कैडेट्स ने हिस्सा लिया।
पीओपी के इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा
पीओपी के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब कैडेट के कंधों पर सितारे सजाने उनके माता-पिता और रिश्तेदार शामिल नहीं हो पाए। अब तक पीओपी को देखने और बाद में उसके कंधों पर पीप्स (सितारे) सजाने के लिए हर कैडेट के माता-पिता मौज्ूद रहते थे। इस बार सभी कैडट के माता-पिता की यह इच्छा अधूरी रह गई। विदित हो कि वैश्विक महामारी कोरोना के चलते आईएमए ने किसी भी कैडेट्स के परिजनों को आमंत्रित नहीं किया था।
इन नौ मित्र देशों के हैं 90 युवा सैन्य अधिकारी
श्रीलंका, मालद्वीव, भूटान, मॉरीशस, पपुआ न्यू गिनी, वियतनाम, अफगानिस्तान, फिजी व तजाकिस्तान।
पीओपी की खास बातें
आज सुबह 6.42 बजे कैडेट परेड स्थल पहुंचे और शुरू हुई परेड।
कैडेट्स ने मुंह पर मास्क पहनकर परेड में लिया हिस्सा।
सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने किया परेड का निरीक्षण।
रिव्यूइंग ऑफिसर नरवणे ने विजेताओं को किया पुरस्कृत।
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