भारत सरकार द्वारा वर्ष 2020-21 और 2021-22 की सांसद निधि स्थगित करने के बाद भी उत्तराखंड के सांसदों को अभी 32.20 करोड़ रुपये की सांसद निधि खर्च करनी शेष है, जिसमें लोकसभा सांसदों की 17.68 करोड़ की निधि और राज्य सभा सांसदों की 14.42 करोड़ रुपये की निधि शामिल है। सूचना के अधिकार में मिली जानकारी के अनुसार यह आंकड़े सामने आए हैं।
गढ़वाल से लोकसभा सदस्य और वर्तमान में मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड तीरथ सिंह रावत वर्ष 2019-20 में मिली सांसद निधि में से महज आठ फीसदी ही खर्च पाए। ऐसे ही हरिद्वार से सांसद और केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक तो अपनी निधि का एक भी ठेला अब तक खर्च नहीं कर पाए हैं।
अधिवक्ता और सूचना अधिकार कार्यकर्ता काशीपुर निवासी नदीम उद्दीन को सूचना के अधिकार में मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के लोकसभा सांसदों को 2019-20 की ही सांसद निधि मिली है। अल्मोड़ा सांसद अजय टम्टा ढाई करोड़ की निधि में से दिसंबर 2020 तक 89 प्रतिशत ही खर्च कर पाए।
पौड़ी सांसद और वर्तमान में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत मात्र आठ प्रतिशत ही खर्च सके। टिहरी सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह की 77 प्रतिशत निधि खर्च हो गई है, जबकि नैनीताल सांसद अजय भट्ट 61 प्रतिशत खर्च कर चुके हैं।
इनके अलावा राज्यसभा सांसदों में प्रदीप टम्टा को वर्ष 2016-17 से 2019-20 तक मिली 1513.11 लाख की सांसद निधि में से 86 प्रतिशत दिसंबर 2020 तक खर्च हो सकी। राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी को 2018-19 में मिली 504.22 लाख निधि में से दिसंबर तक मात्र 20 प्रतिशत निधि ही खर्च हुई है।